Friday, December 27, 2024
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वास्तु शास्त्र के अनुसार शयन कक्ष का निर्माण और सजावट

ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल पाण्डेय
प्रश्न कुंडली एवं वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ
व्हाट्सएप- 8959594400

नया घर बनाते समय शयन कक्ष के निर्माण का विशेष ध्यान रखना चाहिए। घर में शयन की दिशा और सजावट इसमें रहने वालों की प्रभावित करती है। ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल पाण्डेय ने बताया कि वास्तु शास्त्र के अनुसार शयन कक्ष का निर्माण और सजावट इस प्रकार होनी चाहिए कि जिसमें सभी पर सकारात्मक प्रभाव पड़े।

दिशा- शयन कक्ष घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। यह दिशा स्थिरता और ताकत का प्रतीक है।

बिस्तर की स्थिति- बिस्तर इस प्रकार रखें कि सोते समय सिर दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर हो। इससे स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है।

दरवाजे की स्थिति- शयन कक्ष का दरवाजा उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बेहतर होता है।

आईना- शयन कक्ष में बिस्तर के सामने आईना नहीं होना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न हो सकती है।

रंग- शयन कक्ष के लिए हल्के और सुखदायक रंग चुनें, जैसे हल्का नीला, हल्का हरा, गुलाबी या क्रीम। इससे मन शांत रहता है।

बिस्तर के नीचे खाली जगह- बिस्तर के नीचे खाली जगह रखें और वहां कोई भारी वस्तु न रखें। इससे ऊर्जा का सही प्रवाह होता है।

सजावट- शयन कक्ष में ताजे फूल, सुखदायक पेंटिंग्स, और हल्की रोशनी का उपयोग करें। यह सकारात्मकता और शांति लाता है।

इलेक्ट्रॉनिक उपकरण- शयन कक्ष में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग कम करें। इससे नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार शयनकक्ष में टेबल, टीवी और एसी की स्थिति

टेबल- अध्ययन टेबल को उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रखें ताकि अध्ययन करते समय आपका मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर हो। इससे एकाग्रता और ज्ञान में वृद्धि होती है। यदि यह एक ड्रेसिंग टेबल है, तो इसे पूर्व या उत्तर दिशा में रखें और ध्यान रखें कि इसका आईना बिस्तर के सामने न हो।

टीवी- टीवी को शयनकक्ष में रखने से बचना चाहिए क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा दे सकता है और नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है। यदि टीवी रखना आवश्यक है, तो इसे दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें और सोते समय इसे ढक कर रखें।

एयर कंडीशनर- एसी को शयनकक्ष की उत्तर या पश्चिम दिशा में लगाना चाहिए। इससे कमरे का तापमान संतुलित रहता है और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

इन सुझावों का पालन करने से शयनकक्ष में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और शांति का माहौल बना रहता है।

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