कर्क राशि राशि चक्र की चौथी राशि है। कर्क का अर्थ केकड़ा होता है। इस राशि का प्रसार 90 अंश से 120 अंश तक होता है। अंग्रेजी में इसे कैंसर (Cancer) कहते हैं। इस राशि को कर्कट चतुर्थ और कुलीर भी कहते हैं। पुनर्वसु नक्षत्र का अंतिम चरण, पुष्य नक्षत्र के चारों चरण तथा अश्लेषा नक्षत्र के चारों चरण मिलकर कर्क राशि का निर्माण करते हैं। इस राशि का स्वामी चंद्रमा है। इसका स्वभाव चर स्वभाव है।
कर्क राशि की प्रकृति सौम्य है। इस राशि का तत्व जल है, गुण सात्विक है, जाति ब्राम्हण है। यह रात्रि में बलि होती है। यह उत्तर दिशा की स्वामी है। यह राशि कफ प्रकृति की है। शरीर में हृदय के अलावा उदर, सीना और गुर्दे पर होने वाले सभी क्रियाओं का असर इसी राशि से देखा जाता है। यह एक सजल राशि है।
इस राशि के लोग लोगों का स्वभाव भौतिक सुखों में लगे रहना लज्जालु स्थिर गति और समयानुसार निर्णय लेना होता है। इस राशि में जन्म लेने वाला जातक कार्य करने वाला, धनवान, शूरवीर, धार्मिक, गुरु का प्रिय, सिर का रोगी, बुद्धिमान, दुर्लभ शरीर वाला, सभी कार्यों का ज्ञाता, भयंकर क्रोधी, निर्बल , दुखी, अच्छे मित्रों वाला होता है। इस राशि वालों के लिए शुक्र बाधक ग्रह होता है। वृष राशि बाधक राशि होती है और मंगल और चंद्रमा इनके लिए शुभ ग्रह होते हैं।
धन उपार्जन
इस वर्ष आपके पास धन आने में कई बाधाएं आएंगी, परंतु फिर भी जनवरी से सितंबर के महीने तक आपके पास धन आता रहेगा। धन प्राप्त करने के लिए आपको कठिन प्रयास करने पड़ेंगे। माह सितंबर के बाद धन प्राप्ति में आपको अथक प्रयास करना पड़ेगा। उपाय- आपको चाहिए कि आप प्रतिदिन सूर्य देव को प्रातः काल स्नान के उपरांत जल अर्पण करें ।तथा साथ ही प्रति शुक्रवार मंदिर में जाकर गरीबों के बीच में चावल का तथा पुजारी जी को सफेद वस्त्रो का दान करें ।
कैरियर
इस वर्ष आपका कैरियर सामान्य रहेगा। कार्यालय में आपको प्रतिष्ठा प्राप्त होगी, परंतु आपको अत्यधिक सावधान रहना पड़ेगा। 30 जून से 16 नवंबर तक आपको अपने कार्यालय में प्रतिष्ठा प्राप्त हो सकती है। कैरियर के प्रति इस वर्ष आप कृपया सावधान रहने का कष्ट करें। माह फरवरी, मार्च, जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर कार्य की दृष्टि से ठीक रहेंगे। उपाय- आपको चाहिए कि इस वर्ष आप मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर में जाकर कम से कम तीन बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
भाग्य
इस वर्ष आपको भाग्य के स्थान पर अपने परिश्रम पर भरोसा करना चाहिए। किसी भी चीज को प्राप्त करने के लिए आपको अत्यधिक प्रयास करना पड़ेगा। अप्रैल के माह में आपको भाग्य से थोड़ी बहुत मदद मिल सकती है। उपाय- बुधवार को और जहां तक संभव हो वहां तक प्रतिदिन अपनी थाली की एक रोटी काले कुत्ते को खिलाने का प्रयास करें।
परिवार
पिताजी के स्वास्थ्य में लगातार परेशानी रह सकती है। उनके गरदन या कमर में दर्द हो सकता है। यह भी संभव है कि उनको नसों की या मानसिक बीमारी भी हो जाए। माता जी का स्वास्थ्य समान्यतया ठीक-ठाक रहेगा। नवंबर और दिसंबर के महीने में माता जी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। भाई बहनों के साथ संबंध ठीक-ठाक रहेंगे। आपको अपने संतान से सहयोग मिलेगा। उपाय- किसी विद्वान ब्राह्मण से शनि देव के शांति का उपाय करवाएं।
स्वास्थ्य
इस वर्ष अक्टूबर और नवंबर तथा दिसंबर के महीने में आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता है। इस समय आपको ब्लड प्रेशर, हृदय रोग डायबिटीज या दुर्घटना जैसी कोई बीमारी हो सकती है। बीमारी का संबंध आपका खून से होना चाहिए। इसके अलावा पूरे वर्ष आपको गरदन या कमर में दर्द हो सकता है। पेट के संबंध में भी आप सावधान रहें। उपाय- आपको चाहिए कि आप मूंगा धारण करें। इसके अलावा आपको गुरु और शनि की शांति का उपाय भी करना चाहिए।
व्यापार
इस वर्ष आपका व्यापार फरवरी, मई, जून, अगस्त एवं सितंबर मैं ठीक रहेगा। इसके अलावा मार्च के महीने में भी ठीक-ठाक रह सकता है। अपने व्यापार के प्रति इस वर्ष आप सावधान रहें। आपको छोटे लोगों से नुकसान हो सकता है। व्यापार में अपने नौकरों से आप सतर्क रहें। उपाय- आपको चाहिए कि आप शनिवार का व्रत करें और शनिवार को शनि मंदिर में जाकर शनिदेव का आराधना करें।
विवाह
इस वर्ष अविवाहित जातकों के पास विवाह संबंधी बहुत सारे प्रस्ताव आएंगे, परंतु कुछ लोग इन विवाह संबंधों में बाधा खड़ी करेंगे। उनसे आपको सावधान रहने की आवश्यकता है। ऐसे लोगों के सामने आप विवाह संबंधी कोई बात ना करें। फरवरी, जुलाई और दिसंबर के महीने में विवाह तय होने की ज्यादा संभावना है। उपाय- कुंडली की विवेचना के उपरांत विद्वान ब्राह्मणों द्वारा बताए गए उपायों के अलावा फरवरी और जुलाई के महीने में शुक्रवार के दिन आपको मंदिर पर जाकर गरीबों के बीच में चावल का दान देना चाहिए।
मकान
बड़ा मकान, बड़ी कार और सुख-सुविधा की अन्य चीजें को प्राप्त करने की आपको बहुत इच्छा रहेगी। अगर दशा और अंतर्दशा अनुकूल है तो फरवरी, सितंबर और अक्टूबर के महीने में आपको सुख संबंधी कोई सामग्री प्राप्त हो सकती है। उपाय- आपको चाहिए कि आप गरीबों को सफेद वस्त्र का दान दें।
वार्षिक उपाय
अपने संपूर्ण कष्टों के निवारण के लिए आपको चाहिए कि आप किसी विद्वान ब्राह्मण से शनि की शांति का उपाय वर्ष में दो बार करायें।