Tuesday, November 26, 2024
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चैत्र मास 2024: इस दिन से होगा हिंदू नववर्ष, चैत्र नवरात्रि एवं गुड़ी पड़वा का आरंभ

सनातन पंचांग में 12 मास होते हैं, सनातन पंचांग का आरंभ चैत्र मास की प्रतिपदा से होता है और समाप्त फाल्गुन मास की पूर्णिमा से होता है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा की तिथि से चैत्र नवरात्रि के आरंभ के साथ ही हिंदू नववर्ष का शुभारंभ भी होता है।

चैत्र मास सनातन पंचांग का पहला महीना है और फाल्गुन मास अंतिम महीना है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गुड़ी पडवा, युगादि के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष हिंदू नववर्ष मंगलवार 9 अप्रैल 2024 से शुरू हो रहा है।

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि का आरंभ सोमवार 8 अप्रैल 2024 को रात 11:50 बजे से होगा और समापन मंगलवार 9 अप्रैल 2024 को रात 8:30 बजे होगा। उदयातिथि के अनुसार चैत्र नवरात्रि और हिंदू नववर्ष का शुभारंभ मंगलवार 9 अप्रैल से होगा। ब्रह्म पुराण के अनुसार ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन की थी। वहीं बुधवार 17 अप्रैल 2024 को चैत्र नवरात्रि का समापन होगा

चैत्र मासि जगत ब्रह्मा संसर्ज प्रथमेऽहनि।
शुक्ल पक्षे समग्रेतु तदा सूर्योदय सति।।

ब्रह्माजी ने जब सृष्टि की रचना का कार्य आरंभ किया तो चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ‘प्रवरा’ तिथि घोषित किया। इसके अलावा भगवान विष्णु के मत्स्यावतार का अविर्भाव और सतयुग का आरंभ भी इसी दिन हुआ था। प्रवरा तिथि का महत्व देखते हुए भारत के सम्राट विक्रमादित्य ने भी अपने संवत्सर का आरंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही किया था, इसलिए इसे विक्रम संवत भी कहा जाता है।

इसके साथ ही मंगलवार 9 अप्रैल 2023 से विक्रम संवत 2081 शुरू हो जाएगा। विक्रम संवत 2081 को ‘क्रोधी’ संवत के नाम से जाना जाएगा। इस संवत के राजा मंगल और मंत्री शनि होंगे। ज्योतिष गणना के अनुसार नव संवत का पहला दिन जिस भी तिथि पर पड़ता है, पूरे वर्ष उस ग्रह का स्वामित्व माना जाता है।

हिंदू नववर्ष के पहले दिन माँ दुर्गा की पूजा, शुभ मुहूर्त में घर में कलश स्थापना करना बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि इससे सालभर सुख-समृद्धि का वास होता है, जीवन में कष्टों का नाश होता है, आर्थिक-मानसिक और शारीरिक परेशानियां खत्म होती है।

हिंदू नववर्ष के प्रथम चैत्र मास के पहले नौ दिनों का विशेष महत्व है, भारत में इन नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, चैत्र मास में आने वाली इस नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि का कहा जाता है।

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