वाराणसी (हि.स.)। लोकसभा चुनाव 2024 में मतदान और मतगणना के बाद तस्वीर साफ होगी कि केन्द्र में भाजपा की तीसरी बार सरकार बनेगी कि नहीं। हालांकि भाजपा नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में 400 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।
चुनाव में अलग-अलग राज्यों में विरोधी दलों के बिखराव के बीच भाजपा ने ‘अबकी बार 400 पार’ का नारा भी दिया है। उधर,आईएनडीआई गठबंधन के लोकतंत्र बचाओ महारैली विपक्षी दलों के नेताओं ने भी दिल्ली के रामलीला मैदान में एकजुटता दिखाने का पूरा प्रयास किया। ऐसे में केन्द्र में किसकी सरकार बनेगी, ज्योतिषीय गणना क्या कहती है ‘हिन्दुस्थान समाचार’ ने जानने का प्रयास किया है।
कुंडली 99 के संस्थापक और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शोधार्थी श्वेतांक मिश्र ने बताया कि ग्रहों की स्थिति के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी लगातार तीसरी बार केन्द्र में सरकार बना लेगी, लेकिन 400 पार का सपना थोड़ा मुश्किल है। श्वेतांक बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को 11:45 बजे नई दिल्ली में हुई थी, जो कि मिथुन लग्न, वृश्चिक राशि, ज्येष्ठा नक्षत्र के तीसरे पद की पत्रिका बनती है। चन्द्रमा में शनि की दशा पूर्ण होकर, वर्तमान में चन्द्रमा में बुध की अंतर्दशा चल रही है। चन्द्रमा से बुध चौथे घर में है, जो केंद्र का सम्बन्ध स्थापित कर रहा है, यह एक ताकतवर स्थिति है, और राज्य सत्ता प्राप्ति का संकेत दे रहा है। वर्तमान में भाग्येश शनि भाग्य भाव में ही गोचर कर रहा है, जबकि राजनीति का कारक ग्रह राहु कर्म स्थान में मजबूत अवस्था में है। श्वेतांक मिश्र बताते हैं कि अप्रैल मई में सूर्य की स्थिति लाभ स्थान में बनेगी, जो कि भाजपा के लिए श्रेष्ठ स्थिति होगी, चुनाव में शासन प्रशासन से सहयोग के लिए भी यह स्थिति अच्छी है।हालांकि,अष्टकवर्ग वर्ग में स्थिति काफी विपरीत है । शनि कुम्भ राशि में शून्य अंक दे रहा है, जबकि बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर सर्वाष्टक वर्ग में 56 में से केवल 24 अंक ही दे रहा है, जो कि वर्तमान के 56 में से 33 अंक से काफी कम है। 33 अंक से 24 अंक की स्थिति दर्शाती है कि लोकप्रियता का ग्राफ जरूर प्रभावित होगा। वहीं, शनि के गोचर की बात करें तो कुम्भ राशि का शनि वृश्चिक राशि के लिए कंटक शनि बना हुआ है, ऐसा शास्त्र कहते है कि कंटक शनि मतलब कंठ से प्राण निकाल ले, लेकिन आदमी तड़प कर तब भी जीवित रहे। शनि गोचर में जब किसी की राशि से चौथे अथवा आठवें भाव में आ जाते हैं, तो शनिदेव कंटक शनि हो जाते हैं और कांटे के समान व्यक्ति को घायल करते रहते हैं। यह स्पष्ट स्थिति है कि भारतीय जनता पार्टी को बहुमत तो जरूर मिलेगा, लेकिन सीटों की संख्या अपेक्षित नहीं होगी। कुछ प्रदेशों में जहां 2014 और 2019 के चुनावों में बेहतर प्रदर्शन था, वहां भी नुकसान उठाना पड़ेगा, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां आखिरी चरण के मतदान होने हैं। वहीं, दसवें घर का राहु कुछ नई जगह अपेक्षा से ज्यादा ही परिणाम देगा।
बात अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली की करें तो उपलब्ध विवरण 17 सितंबर 1950, जन्म समय 11 बजे, जन्मस्थान मेहसाणा के अनुसार वर्तमान में मंगल की महादशा चल रही है, वृश्चिक लग्न की कुंडली में लग्न में बैठा मंगल रुचक नामक राजयोग बना रहा है, और वर्तमान में मंगल में बृहस्पति का गोचर 19 अप्रैल 2024 तक श्रेष्ठ स्थिति में है। तत्पश्चात मंगल शनि की दशा शुरू होगी, जो कि संघर्ष की स्थिति उत्पन्न करेगी। शत्रुओं का बल 19 अप्रैल के बाद बढ़ना शुरू होगा, लेकिन चूंकि शनि-मंगल आपस में केंद्र का संबंध बना रहे हैं। शनि काल पुरुष की कुंडली का कर्म है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुंडली में भी कर्म स्थान पर ही विराजमान है, और मंगल के साथ तात्कालिक मित्रता में है, ऐसे में यह मेहनत के बाद सफलता की सूचना देता है।
श्वेतांक मिश्र ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की कुंडली में भी शनि का कंटक योग बना हुआ है, जबकि सर्वाष्टक वर्ग में, शनि की स्थिति मध्यम बनी हुई है। 1 मई से बृहस्पति सप्तम स्थान में गोचर करेगा, जो कि बहुत सारे शुभ काम कराएगा, लेकिन भिन्नाष्टक वर्ग, और सर्वाष्टक वर्ग में स्थिति अनुकूल नहीं है, जबकि योगिनी दशा की बात की जाए तो भ्रामरी में पिंगला का समय चल रहा है। यह मानसिक चिंता देने वाला है। यह स्थिति इस बात का संकेत है कि भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों को भी अति आत्मविश्वास से बचना होगा। अगर वह चाहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के सरकार बने, तो कम से कम उन्हें घर से निकल कर मतदान तो जरूर करना पड़ेगा, जबकि राजनेताओं को भी बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं पर ध्यान देना पड़ेगा।
बात अगर कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी की जन्म पत्रिका की करें तो, शनि का गोचर कुंभ राशि में और मीन राशि में, उन्हें विशेष ताकत प्रदान कर रहा है, विशेष कर मीन राशि में गोचर, जो कि 2025 मार्च से लेकर 2027 मार्च तक विशेष शत्रुहंता योग बन रहा है, इसका लाभ उन्हें राजनीति में भी मिलता दिखाई पड़ रहा है। जब बृहस्पति वृषभ राशि में गोचर करेगा, एक तरफ तो कुछ सकारात्मक समाचार मिलेगा, राजनीतिक रूप से कुछ अच्छी सूचनाएं मिल सकती हैं, लेकिन इस बीच बृहस्पति का अष्टम में गोचर, 13 महीने के लिए, उनके और उनके परिवारजन के स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं भी देगा, उनके लिए आर्थिक और सामाजिक रूप से भी महान संघर्ष का समय रहेगा। विशेषकर चुनाव के बाद से लेकर 2025 जून तक की स्थिति तो कमोवेश ऐसी ही रह सकती है। हालांकि अप्रैल, मई के चुनाव में ग्रहों का गोचर उन्हें लेकर आशावादी दृष्टिकोण रखे हुए हैं। पिछले चुनावों की तुलना में संघर्ष थोड़ा बेहतर रहेगा। उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर, यह कहा जा सकता है कि ग्रहों की स्थिति भाजपा के 400 प्लस वाली तो नहीं है। हालांकि बहुमत भाजपा के साथ ही रहेगा, लेकिन विपक्ष भी इस बार, कई महत्वपूर्ण जगहों पर आश्चर्यजनक प्रदर्शन करेगा। यह विश्लेषण ज्योतिर्विद द्वारा की गई गणना पर सर्वथा आधारित है। जिसके सही या गलत होने का ‘हिन्दुस्थान समाचार’ दावा नहीं करता।