सिंह राशि राशि चक्र की पांचवी राशि है। सिंह का अर्थ होता है शेर। अंग्रेजी में इसे लिओ (Leo) कहते हैं। इस राशि का प्रसार 120 अंश से 150 तक है। मघा नक्षत्र के चारों चरण, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के चारों चरण तथा उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का प्रथम चरण मिलकर सिंह राशि का निर्माण करते हैं। इस राशि का स्वामी सूर्य है। इसका स्वभाव स्थिर स्वभाव है।
सिंह राशि की प्रकृति क्रूर है। इस राशि का तत्व अग्नि है, गुण तमोगुणी है जाति क्षत्रिय है। यह दिन में बलि होती है। यह पूर्व दिशा की स्वामी है। यह राशि पित्त प्रकृति की है। शरीर में उदर, पीठ और रीढ पर होने वाले सभी क्रियाओं का असर इसी राशि से देखा जाता है। यह एक शुष्क राशि है।
इस राशि के लोग उदार स्वभाव के एवं स्वतंत्रता प्रिय होते हैं। इस राशि के जातक क्षमाशील, कार्य में समर्थ, मद्य-मांस को पसंद करने वाले, देश में भ्रमण करने वाले, शीत से भयभीत, अच्छे मित्रों वाले, विनयशील, शीघ्र कार्य करने वाले, माता-पिता को प्रिय, व्यसनी और संसार में प्रख्यात होते हैं। इस राशि वालों के लिए शनि बाधक ग्रह होता है। कुंभ राशि बाधक राशि होती है और मंगल इनके लिए शुभ ग्रह होते हैं।
धन उपार्जन
इस वर्ष आपके पास जनवरी, जून, जुलाई, सितंबर, अक्टूबर और दिसंबर के महीने में धन आने के योग बन रहे हैं। अगस्त के महीने में धन आने की मात्रा में कमी आएगी। उपाय- आपको चाहिए क्या आप किसी विद्वान ब्राह्मण से अपनी कुंडली दिखाकर पन्ना पहनने का प्रयास करें।
कैरियर
इस वर्ष आपके कैरियर में थोड़ा रुकाव है फिर भी मई और जून के महीने में आपको लाभ होगा। भाग्य से आपको अपने कैरियर में कोई मदद नहीं मिल पाएगी। आपको चाहिए कि आप अपना समय आराम से व्यतीत करें। कार्यालय में लड़ाई झगड़ों से बचें तथा अध्ययन में अपना समय बिताएं। उपाय- आपको चाहिए कि आप पूरे वर्ष शुक्रवार का व्रत करें और मंदिर में जा कर पूजा अर्चना करें तथा सफेद वस्त्र का दान दें।
भाग्य
शनि की नीच दृष्टि के कारण भाग्य से आपको इस वर्ष कम मदद मिल पाएगी। फिर भी 25 मार्च से 2 अप्रैल तक, 13 अप्रैल से 14 मई तक तथा इसके बाद 10 मई से 31 मई तक भाग्य आपकी मदद करेगा। 30 जून से 16 नवंबर तक शनि कुंभ राशि में वक्री हो रहा है, जिसके कारण शनि का दुष्प्रभाव समाप्त हो जाएगा और आपके भाग्य की गति सामान्य हो जाएगी। नवंबर और दिसंबर के महीने में भाग्य के प्रति आपको विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए। मेरी सलाह है कि आप इस वर्ष भाग्य के स्थान पर अपने परिश्रम पर भरोसा करें। उपाय- आपको वर्ष में दो बार शनि के शांति का उपाय करवाना चाहिए। हर शनिवार को शनि मंदिर में जाकर तेल भी चढ़ाना चाहिए।
परिवार
आपके जीवनसाथी का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। इस वर्ष आपके पिताजी का छोटे-मोटे रोग जैसे चर्म विकार, गुदा या किडनी या पेट में कष्ट पूरे वर्ष भर रहेंगे। जनवरी से मई के बीच में पिताजी का स्वास्थ्य थोड़ा ठीक रहेगा। आपके पिताजी मई और जून में कुछ मानसिक रूप से भी परेशान हो सकते हैं। जुलाई और अगस्त में उनको खून की कोई बीमारी जैसे ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या हृदय की बीमारी भी बढ़ने की संभावना रहेगी। 9 अक्टूबर के बाद पिताजी के स्वास्थ्य में वृद्धि होगी। इस वर्ष आपको अपने पिताजी के रूप से विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए। माता जी को भी पूरे वर्ष कुछ ना कुछ बीमारी लगी रहेगी। आपको चाहिए कि आप किसी विद्वान ज्योतिषी को उनकी या अपनी कुंडली दिखाकर उपाय करें। संतान को इस वर्ष मई के बाद थोड़ी बहुत परेशानी रहेगी। उपाय- कुंडली का शोधन करवा कर आपको राम और केतु की शांति का उपाय करवाना चाहिए।
स्वास्थ्य
इस वर्ष आपका स्वास्थ्य ठीक-ठाक है। आपके गर्दन और कमर में दर्द रह सकता है। आपको इस स्नायुओं संबंधी कोई बीमारी हो सकती है। जनवरी और फरवरी के महीने में आपको मानसिक पीड़ा भी हो सकती है। मई से अक्टूबर के बीच में आपको उदर रोग भी हो सकता है। पेट की परेशानी आपको जनवरी से अप्रैल तक नहीं होगी। इसके अलावा अक्टूबर से दिसंबर तक भी उसकी मात्रा अत्यंत अल्प रहेगी। उपाय- शनिवार के दिन शनि मंदिर में जाकर पूजन करें।
व्यापार
अगर आप लोहा या बिजली का व्यापार करते हैं तो आपकी व्यापारी में उन्नति हो सकती है। इस वर्ष आपके भाग्य से मदद में काफी कमी आएगी अतः आपको बड़ी सावधानी के साथ व्यापार करना चाहिए। उपाय- गणेश अथर्वशीर्ष का का पूरे वर्ष भर पाठ करें। शनि देव की शनिवार को नियमित रूप से पूजा करें।
विवाह
अविवाहित जातकों के विवाह के प्रस्ताव अप्रैल 2024 के बाद अच्छी मात्रा में आएंगे। परंतु ये प्रस्ताव अत्यंत ही कमजोर होंगे। फरवरी, मार्च और अगस्त के महीने में भी कुछ अच्छे प्रस्ताव आएंगे। 9 अक्टूबर के उपरांत विवाह के जो प्रस्ताव आएंगे वह काफी अच्छे होंगे। अगर आपकी कुंडली में विश्वोन्तरी दशा अच्छी है तो विवाह होने की पूरी संभावना है। उपाय- घर की बनी पहली रोटी गौ माता को खिलाएं। शनिवार को दक्षिण मुखी हनुमान जी के मंदिर में जाकर कम से कम तीन बार हनुमान चालीसा का जाप करें।
मकान-वाहन
वाहन, मकान या ऐसी ही कोई सुख सुविधा की सामग्री खरीदने की संभावना इस वर्ष काफी कम है, जुलाई और अगस्त के महीने में थोड़ा बहुत योग बन सकता है। उपाय- आपको मंगलवार का व्रत करना चाहिए और मंगलवार को ही हनुमान जी के मंदिर में जाकर हनुमान जी की पूजा करना चाहिए।
वार्षिक उपाय
अपने संपूर्ण कष्टों के निवारण के लिए आपको चाहिए कि आप हर शनिवार को शनि मंदिर में जाकर शनि देव का पूजन करें। इसके अलावा किसी विद्वान ब्राह्मण को अपनी कुंडली को दिखाकर अगर उचित हो तो टेस्ट करने के उपरांत नीलम धारण करें।