जयपुर (हि.स.)। चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा 9 अप्रैल से शुरू हो रहे भारतीय हिंदू नव संवत्सर विक्रम संवत 2081 में व्रत-त्यौहार 10 से 12 दिन जल्दी आएंगे। विक्रम संवत 2080 में अधिकमास होने से सभी त्यौहार देरी से आए थे।
इस बार अधिकमास नहीं होने से आने वाले त्यौहार में ऐसा नहीं होगा। हिंदू नव संवत्सर का उत्सव देश के राज्यों में अलग-अलग नामों ने मनाया जाता है। महाराष्ट्र और दक्षिण पश्चिम भारत में गुड़ी पड़वा उत्सव मनाते है।
ज्योतिषाचार्य राजेंद्र शास्त्री ने बताया कि मान्यता है कि इस दिन ही सृष्टि की रचना हुई थी। इसी दिन चैत्र नवरात्र की शुरुआत होगी। लोग आदि शक्ति की घटस्थापना कर नौ दिन पूजा अर्चना करेंगे। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को राजधानी में अनेक आयोजन होंगे। नव विक्रम संवत्सर का पंचांग ठाकुरजी को पढक़र सुनाया जाएगा। नव संवत्सर के दिन की शुरुआत काली मिर्ची, नीम के पत्ते और मिश्री का प्रसाद वितरण किया जाएगा।
वर्ष 2024-विक्रम संवत 2081 के प्रमुख त्यौहार
9 अप्रैल को हिंदू नववर्ष प्रारंभ, 17 अप्रैल श्रीराम नवमी, 23 अप्रैल श्री हनुमान जन्मोत्सव, 10 मई आखातीज, 22 मई नृसिंह चतुर्दशी, 23 मई बुध पूर्णिमा/पीपल पूर्णिमा, 6 जून वट सावित्री व्रत/शनि जयंती, 16 जून गंगा दशहरा, 7 जुलाई रथ यात्रा जगन्नाथपुरी, 21 जुलाई गुरू पूर्णिमा, 4 अगस्त हरियाली अमावस्या, 9 अगस्त नाग पंचमी, 11 अगस्त गोस्वामी तुलसीदास जयंती, 19 अगस्त रक्षाबंधन, 26 अगस्त श्रीकृष्ण जन्मोत्सव, 2 सितम्बर कुशोत्पाटिनी अमावस्या, 6 सितम्बर हरियाली तीज, 7 सितम्बर गणेश चतुर्थी, 8 सितम्बर ऋषि पंचमी, 15 सितंबर वामन द्वादशी, 17 सितम्बर अनंत चतुर्दशी, 18 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक पितृ श्राद्ध पक्ष, 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र, 12 अक्टूबर विजया दशमी/दशहरा, 16 अक्टूबर शरद पूर्णिमा, 20 अक्टूबर करवा चौथ, 30 अक्टूबर धनतेरस, एक नवम्बर दीपावली, 2 नवम्बर को अन्नकूट/गोवर्धन पूजा, 3 नवम्बर को भाईदूज, 10 नवम्बर अक्षय या आंवला नवमी, 15 नवम्बर कार्तिक पूर्णिमा, 6 दिसम्बर श्रीराम विवाहोत्सव, 11 दिसम्बर गीता जयंती, 30 दिसंबर सोमवती अमावस्या, 14 जनवरी 2025 मकर संक्रांति, 29 जनवरी 2025 मौनी अमावस्या, 2 फरवरी 2025 बसंत पंचमी, 26 फरवरी महाशिवरात्रि, 13 मार्च 2025 को होलिका दहन, 14 मार्च 2025 धुलेंडी होगी।