रंगों का त्योहार होली, प्राचीन काल से ही हमारे देश में हर्षोल्लास से मनाई जाती रही है। होली मनाने के पीछे की हिरण्यकश्यप और भक्त प्रह्लाद की पौराणिक कथा तो सभी जानते हैं, लेकिन एक मान्यता और भी है।
कहा जाता है कि एक बार भगवान बाल कृष्ण नें माता यशोदा से पूछा कि राधा इतनी गोरी है, मैं भी खूब गोरा होना चाहता हूं, क्या उपाय करूँ? तो माता यशोदा नें हंसते हुए कहा कि तुम दोनों अगर एक दूसरे पे टेसू के रंगों को लगाओ तो एक दूसरे के रंग के हो जाओगे। ये सुनते ही कृष्ण जी और राधा जी एक दूसरे को रंग लगाते-लगाते खेलने लगे। तबसे ही सम्पूर्ण ब्रज मंडल फिर पूरे उत्तर भारत में टेसू के रंग से होली खेली जाने लगी। धीरे-धीरे पूरे विश्व में इसे मनाया जाने लगा।
होली प्रेम, उत्साह, हर्ष और उमंगों का त्योहार है। इस दिन सभी वैर भाव और नकारात्मकता दूर कर के प्रेम और भाईचारा बढाने का प्रयास किया जाता है।
प्रत्येक वर्ष फागुन माह की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है, फिर दूसरे दिन रंगों से होली खेली जाती है, जिसे धुलेंडी भी कहते हैं।
इस वर्ष 2024में होलिका दहन 24 मार्च को और धुलेंडी 25 मार्च को होगा।
होलिका दहन मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 54 मिनट पर होगी जो 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी।
इस बार 24 तारीख को पूरे दिन भद्रा रहेगी, जो रात्रि लगभग 11 बजकर 13 मिनट पर समाप्त
होगी। अतः होलिका दहन का सर्वाधिक श्रेष्ठ मुहूर्त रात्रि 11:14 से रात्रि 12:29 मिनट तक रहेगा। कुछ विशेष परिस्थितियों में होलिका दहन भद्रापृच्छ काल मे भी कर सकते है।
भद्रा पूंछ समय- शाम 6बजकर 34 मिनट से रात 9 बजकर 57 मिनट तक रहेगा।
होलिका दहन के समय अपनी राशि अनुसार यदि मंत्रों का जाप किया जाय तो विशेष फलदाई होता है।
राशि अनुसार मंत्रों का जाप
1- मेष और वृश्चिक राशि- ॐ अं अंगरकाय नमः
2- वृष और तुला राशि- ॐ शुं शुक्राय नमः
3- मिथुन और कन्या राशि- ॐ बुं बुधाय नमः
4- कर्क राशि- ॐ सोम सोमाय नमः।
5- सिंह राशि- ॐ घृणि सूर्याय नमः।
6- धनु और मीन राशि- ॐ बृं बृहस्पतये नमः।
7- मकर और कुम्भ राशि- ॐ शँ शनैश्चराय नमः।
8- राहु की शांति के लिए- ॐ रां राहवे नमः।
9- केतु की शांति के लिए- ॐ कें केतवे नमः।
होलिका दहन की रात्रि उपर्युक्त सभी बीज मंत्रों का 108 बार जाप करना विशेष फलदायी होता है।
राशि अनुसार होलिका में डालें आहुति
होलिका दहन के समय लोग यदि अपनी राशि अनुसार होलिका को वस्तु अर्पण करें तो विशेष फलदाई होगा।
1- मेष राशि- 7 काली मिर्च के दाने होलिका में अर्पण करें।
2- वृष राशि- सफेद चंदन का टुकड़ा और दही अर्पण करें।
3- मिथुन राशि- 7 मुट्ठी चने की दाल होलिका में अर्पित करें।
4- कर्क राशि- एक मुट्ठी सौंफ की आहुति प्रदान करें।
5- सिंह राशि- 7 मुट्ठी जौ की आहुति होलिका में प्रदान करें।
6- कन्या राशि- 3 जायफल और 3 कालीमिर्च के दाने होलिका में अर्पित करें।
7- तुला राशि- एक मुट्ठी काले तिल और 2 हल्दी की गांठ होलिका की अग्नि में अर्पित करें।
8- वृश्चिक राशि- अपने ऊपर से एक मुट्ठी पीली सरसों उसार कर होलिका में डालें।
9- धनु राशि- चावल और सफेद काले तिल का मिश्रण होलिका दहन में डालें।
10- मकर राशि- 5 हल्दी की गांठें जलती हुई होलिका में डालें।
11- कुम्भ राशि- हरे मूंग और काले तिल का मिश्रण जलती हुई होलिका में अर्पित करें।
12- मीन राशि- एक मुट्ठी जीरा और एक मुट्ठी नमक की आहुति होलिका को अर्पित करें।
राशि अनुसार रंगों से खेलें होली
धुलेंडी वाले दिन यदि व्यक्ति अपनी राशि अनुसार रंग खेलें तो सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
1- मेष और वृश्चिक राशि के लोग लाल रंगों से खेले होली।
2- वृष और तुला राशि के लोग हल्के गुलाबी, सफेद और आसमानी रंगों का प्रयोग करें।
3- मिथुन और कन्या राशि के लोग हल्के और गाढ़े हरे एवं मैरून रंग से होली खेलें।
4- कर्क राशि वाले सफेद, क्रीम, हल्के पीले और केसरिया रंगों का प्रयोग करें।
5- सिंह राशि वाले लाल, नारंगी और केसरिया रंगों का उपयोग करें।
6- धनु और मीन राशि के लोग पीले, नारंगी और क्रीम रंगों का प्रयोग करें।
7- मकर और कुम्भ राशि वाले नीले, काले, भूरे और स्लेटी रंगों का उपयोग करें।