राहु और केतु भौतिक ग्रह नहीं हैं। यह दोनों ग्रह छाया ग्रह हैं। ये सदैव वक्री रहते हैं। इनका एक राशि में भ्रमण काल 18 महीने का है। राहु सूर्य से 10000 योजन नीचे घूमता है। ज्योतिष शास्त्र के सिद्धांत पक्ष के अनुसार चंद्रमार्ग उत्तर में रवि मार्ग को जिस बिंदु पर काटता है, उसे फलित ज्योतिष में राहु कहते हैं। इसी प्रकार चंद्रमा दक्षिण में रवि मार्ग को जिस विंदु पर काटता है उसे केतु कहते हैं।
पुराणों के अनुसार राहु के पिता का नाम विप्रचित और माता का नाम सिंहिका है। समुद्र मंथन के पश्चात अमृत बांटते समय भगवान श्री हरि विष्णु द्वारा राहु का सर सुदर्शन चक्र से काट दिया गया। तब से धड़के ऊपर का भाग राहु और नीचे का भाग केतु के रूप में प्रसिद्ध हो गया।
ज्योतिष के अनुसार राहु को काल पुरुष का दुख माना गया है। इसे दुख और शोक का प्रतीक भी माना जाता है। कुछ ज्योतिषाचार्यो द्वारा राहु को कन्या राशि का और केतु को मीन राशि का माना जाता है। राहु की उच्च राशि मिथुन और वृष तथा नीच राशि धनु और वृश्चिक है। राहु और केतु दोनों ग्रह शुक्र, बुद्ध और शनि से मित्र भाव रखते हैं।
लाला रामस्वरूप पंचांग के अनुसार 30 अक्टूबर 2023 को 8:28 बजे दिन से राहु मेष राशि से मीन राशि में तथा केतु तुला राशि से कन्या राशि में गोचर करेगा। भुवन विजय पंचांग के अनुसार यह गोचर 28 अक्टूबर 2023 को 1:04 बजे दिन पर होगा। इसी प्रकार पुष्पांजलि पंचांग के अनुसार यह गोचर 31 तारीख को 6:29 बजे दिन पर होगा।
30 अक्टूबर 2023 को राहु का यह परिवर्तन राहु काल में हो रहा है। जिस की भारतीय ज्योतिष में सबसे खराब समय मानते हैं, इसके अलावा उसे समय काल की चौघड़िया भी है। इन दोनों बुराइयों के कारण राहु और केतु की मारक शक्ति में वृद्धि हो जाएगी।
राहु और केतु का इस राशि परिवर्तन का विभिन्न राशियों पर निम्नानुसार असर होगा-
मेष राशि
राहु मेष राशि से मीन राशि में तथा केतु तुला राशि से कन्या राशि में गोचर कर रहे हैं। मेष राशि में राहु गुरु के साथ मिलकर गुरु चांडाल योग बन रहा था। जिससे अब मेष राशि के जातकों को मुक्ति मिल गई है। इस प्रकार राहु के इस परिवर्तन से मेष राशि के जातकों के स्वास्थ्य में परिवर्तन होगा सुख में कमी आएगी तथा इस वर्ष उनके दुर्घटना के संभावनाएं बढ़ सकती हैं। धन आने का योग भी बनेगा।
वृष राशि
वृष राशि में राहु लाभ भाव में है और केतु पुत्र भाव में है राहु अपने शत्रु घर में विराजमान है, जिसके कारण धन आने का योग बन रहा है तथा पुत्र की उन्नति भी हो सकती है। आपको अपनी संतान से सहयोग प्राप्त होगा।
मिथुन राशि
शत्रु क्षेत्रगत दशम भाव का राहु कार्यालय की राजनीति में आपको विजयी बनाएगा। आपके पिताजी को कष्ट हो सकता है। माता जी का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। आपके सुख में वृद्धि होगी। धन आ सकता है। शत्रु परास्त होंगे। कचहरी के कार्यों में असमंजस की स्थिति रहेगी। धन का व्यय बढ़ सकता है।
कर्क राशि
आपके पराक्रम में वृद्धि होगी। भाइयों और बहनों से संबंध थोड़े खराब हो सकते हैं। भाग्य बिल्कुल साथ नहीं देगा। स्वास्थ्य में परेशानी आ सकती है आपकी संतान को कष्ट हो सकता है। जीवनसाथी का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। धन लाभ की उम्मीद की जा सकती है।
सिंह राशि
राशि परिवर्तन की उपरांत सिंह राशि के जातकों के अष्टम भाव में राहु गोचर करेंगे। इसी प्रकार केतु धन भाव में रहेंगे। राहु केतु के परिवर्तन से दुर्घटनायें हो सकती हैं। सुख में कमी आएगी तथा कचहरी के कार्यों में विलंब होगा। माता जी को कष्ट हो सकता है।
कन्या राशि
कन्या राशि की जातकों के जीवनसाथी को कष्ट हो सकता है। धन आने का योग है। अपने भाई और बहनों के साथ संबंध खराब होंगे। भाग्य साथ दे सकता है। दूर देश की यात्रा का संयोग बन सकता है।
तुला राशि
अगर आप प्रयास करेंगे तो आप शत्रुओं को परास्त कर सकते हैं। धन के व्यय में वृद्धि होगी। पुराना कर्ज समाप्त हो सकता है। कार्यालय में विवादों में वृद्धि होगी। धन आने में कमी आएगी पिताजी को कष्ट हो सकता है।
वृश्चिक राशि
धन आने की मात्रा में वृद्धि होगी। आपके संतान को कष्ट हो सकता है। आपका स्वास्थ्य थोड़ा खराब हो सकता है। भाग्य से आपको लाभ प्राप्त नहीं हो पाएगा।
धनु राशि
कार्यालय में आपकी स्थिति थोड़ी ठीक होगी। माता जी को कष्ट होगा। दुर्घटनाएं हो सकती हैं। कचहरी के कार्यों में आपकी स्थिति थोड़ी खराब होगी। थोड़ा बहुत धन आने का योग है। शत्रुओं की मात्रा बढ़ेगी।
मकर राशि
दूर देश की यात्रा का योग बन सकता है। अगर आप विदेश यात्रा के लिए प्रयासरत हैं तो उसमें आपको सफलता मिलेगी। भाई बहनों के साथ संबंध खराब होंगे। आपके जीवन साथी को कष्ट हो सकता है।
कुंभ राशि
आपकी सुख में वृद्धि होगी। जनता में आपके प्रसिद्धि बढ़ेगी। जनता का सहयोग आपको प्राप्त होगा। धन आने में बाधाएं आएंगीं। कचहरी के कार्यों में सफलता मिल सकती है। कार्यालय में विवाद बढ़ेंगे।
मीन राशि
आपके जीवनसाथी का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। आपके स्वास्थ्य में थोड़ी परेशानी आ सकती है। भाग्य से आपको कम मदद मिल पाएगी। संतान को कष्ट होगा। थोड़ी मात्रा में धन आने का योग है।
राहु और केतु के कष्ट से मुक्ति पाने के उपाय
- किसी योग्य ब्राह्मण से राहु और केतु के खराब प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए राहु और केतु के मंत्रों का जाप करवाए।
- कुएं के कछुए को लाई खिलाएं।
- काले कुत्ते को रोटी खिलाएं।
- भगवान भैरव की आराधना करें।