नवग्रहों में शनिदेव को सबसे शक्तिशाली ग्रह माना जाता है, इस वर्ष शनिदेव 30 जून 2024 को कुंभ राशि में वक्री हुए थे और अब शुक्रवार 15 नवंबर 2024 की शाम 07 बजकर 53 मिनट पर कुंभ राशि में ही मार्गी होंगे और जो 139 दिन बाद अपनी चाल बदल रहे हैं।
इस विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के प्रधान ज्योतिषाचार्य महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि शनिदेव के वक्री होने का अर्थ यह है कि शनिदेव उल्टा चलेंगे और मार्गी होना यानी सीधा चलेंगे, शनिदेव वक्री की अवधि कुल 139 दिनों की रही।
शनिदेव कर्मफलदाता, न्याय प्रिय और दंडाधिकारी हैं, इसलिए उन्हें कलयुग का न्यायाधीश कहा जाता हैं। शनिदेव का कार्य प्रकृति में संतुलन पैदा करना है इसलिए समस्त मानव जाति पर शनिदेव का वक्री अथवा मार्गी होने पर गहरा प्रभाव होता है।
ज्योतिष के अनुसार शनिदेव जी कर्म और सेवा का कारक होते है यानि इसका सीधा संबंध आपकी नौकरी और व्यवसाय से होता है। इसी वजह से शनिदेव जी की चाल का असर आपकी नौकरी व व्यवसाय में सफलता और उतार-चढ़ाव को दर्शाता है। इनके प्रभाव से ही मनुष्य के जीवन में बड़े बदलाव होते हैं। ये परिवर्तन सकारात्मक और नकारात्मक दोनों हो सकते हैं। (हि.स.)