हिन्दू धर्म में पितरों की मुक्ति, उनकी प्रसन्नता हेतु किये जाने वाले कर्मों का लंबा विधान है। पितरों को देवताओं के ही समकक्ष रखा गया है। लगभग सभी पुराणों, विशेष कर गरुड़ पुराण में पितरों की महिमा का वर्णन है, पूरा पुराण उन्हें ही समर्पित है। सूक्ष्म जगत में एक पूरा लोक यानी पितृलोक ही उनके लिए मौजूद है।
हम सभी मनुष्यों पर अपने पितरों का ऋण होता है, उससे मुक्ति के लिए प्रत्येक मनुष्य का पितरों का श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण बहुत आवश्यक होता है। इसके महात्म्य को देखते हुए हमारे मनीषियों ने वर्ष के 15 दिनों के पक्ष को पितरों के निमित्त समर्पित कर दिया। हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद की पूर्णिमा से सर्व पितृ अमावस्या तक पितृ पक्ष माना जाता है।
ज्योतिषाचार्य ऋचा श्रीवास्तव ने बताया कि हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष पितृ पक्ष बुधवार 18 सितंबर पूर्णिमा तिथि से प्रारम्भ हो रहा है, जो कि सोमवार 2 अक्टूबर पितृमोक्ष अमावस्या तक चलेगा। कुछ विद्वान ज्योतिषियों के अनुसार चूंकि पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भ 17 सितंबर को दोपहर से हो रहा और सूर्य की कन्या राशि में संक्रांति भी 17 सितंबर को हो रही तो पितृपक्ष की शुरुआत 17 सितंबर को ही मानी जायेगी। लेकिन उदयातिथि के अनुसार 18 सितंबर को ही पितृ पक्ष की शुरुआत सर्वमान्य है। हालांकि जिनके परिजन पूर्णिमा तिथि को स्वर्गलोक सिधारे, वे 17 और 18 दोनों दिन पिंडदान, तर्पण, विसर्जन कर सकते हैं। पितृ पक्ष को ’श्राद्ध’ के नाम से भी जाना जाता है।
इस बार मातृ नवमी श्राद्ध बुधवार 25 सितंबर 2024 को पड़ रही है, इस तिथि पर परिवार की सभी दिवंगत स्त्रियों की श्राद्ध करने का विधान है, वहीं इस बार सर्वपितृ अमावस्या अथवा पितृमोक्ष अमावस्या बुधवार 2 अक्टूबर 2024 को पड़ेगी, इस तिथि के दिन सभी पितरों का श्राद्ध करने का विधान है। पितृमोक्ष अमावस्या के दिन सभी पितरों के साथ, ऐसे परिजन जिनके देहावसान की तिथि ज्ञात नहीं है, उनका भी श्राद्ध किया जाता है। इस दिन विधिपूर्वक पितरों का पिंडदान, तर्पण और उनके निमित्त दान करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पित पृक्ष 2024 श्राद्ध की तिथियां
पूर्णिमा श्राद्ध- मंगलवार 17 सितंबर 2024
प्रतिपदा श्राद्ध- बुधवार 18 सितंबर 2024
द्वितीया श्राद्ध- गुरुवार 19 सितंबर 2024
तृतीया श्राद्ध- शुक्रवार 20 सितंबर 2024
चतुर्थी एवं महा भरणी श्राद्ध- शनिवार 21 सितंबर 2024
पंचमी श्राद्ध- रविवार 22 सितंबर 2024
षष्ठी एवं सप्तमी श्राद्ध- सोमवार 23 सितंबर 2024
अष्टमी श्राद्ध- मंगलवार 24 सितंबर 2024
मातृ नवमी श्राद्ध- बुधवार 25 सितंबर 2024
दशमी श्राद्ध- गुरुवार 26 सितंबर 2024
एकादशी का श्राद्ध- शुक्रवार 27 सितंबर 2024
द्वादशी एवं मघा श्राद्ध- रविवार 29 सितंबर 2024
त्रयोदशी श्राद्ध- सोमवार 30 सितंबर 2024
चतुर्दशी श्राद्ध- मंगलवार 1 अक्टूबर 2024
सर्वपितृ अमावस्या- बुधवार 2 अक्टूबर 2024