जयपुर (हि.स.)। साल के आखिरी अंग्रेजी महीने दिसंबर में अब विवाह के केवल तीन मुहूर्त 11, 12, 14 दिसंबर शेष बचे हैं। इसके बाद 15 दिसंबर से एक महीने के लिए फिर से विवाह आदि मंगल कार्य थम जाएंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 15 दिसंबर से खरमास शुरू हो जाएगा।
ऐसे में जनवरी-2025 में मकर संक्रांति के बाद 16 जनवरी से विवाह के मुहूर्त हैं। मलमास या खरमास को अशुभ और अशुद्ध महीना माना गया है। इस दौरान विवाह आदि जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। सूर्य द्वारा बृहस्पति की राशि धनु या मीन में प्रवेश करने पर मलमास या खरमास होता है। 15 दिसंबर 2024 से मलमास की शुरुआत है।
ज्योतिषाचार्य बनवारी लाल शर्मा के अनुसार मलमास की शुरुआत 15 दिसंबर की रात्रि से हो रही है। मास की समाप्ति 14 जनवरी 2025 को होगी। सूर्य धनु राशि से निकलकर जब दूसरी राशि में प्रवेश करेंगे तो मलमास समाप्त हो जाएगा।
16 जनवरी 2025 से फिर विवाह मुहूर्त
जनवरी: 16, 17, 21, 22
फरवरी: 7, 13, 18, 20, 21, 23, 25, मार्च: 5, 6,
अप्रैल: 14, 16, 18, 20, 21, 25, 29, 30, मई: 5, 6, 7, 8, 13, 14, 17, 28
जून: 1, 2, 4, 7, 8
(गुरु का तारा अस्त होने से 12 जून से 8 जुलाई तक मुहूर्त नहीं रहेंगे)
दान-पुण्य से मिलेगा शुभ फल
मलमास में प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित करें। पक्षी और पशुओं की सेवा करें। भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा करें। जप, तप और दान का भी खास महत्व है। गंगा सहित अन्य पवित्र नदी में स्नान करना। मलमास में गुरुवार पर केले का दान करें।