Sunday, November 3, 2024
Homeखेलएनीमिया-कैंसर की त्वरित पहचान होगी संभव, भारतीय वैज्ञानिकों ने विकसित किए अनूठे...

एनीमिया-कैंसर की त्वरित पहचान होगी संभव, भारतीय वैज्ञानिकों ने विकसित किए अनूठे नैनो पॉलिमर सेंसर

धात्विक-कार्बनिक संरचना (मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क-एमओएफ) और द्वि-आयामी (2डी) सामग्रियां नामक नैनो पॉलिमर सामग्रियों के एक नए समूह की सहायता से विकसित किए गए नवीन विद्युत रासायनिक (इलेक्ट्रोकेमिकल) और प्रकाशिक (ऑप्टिकल) सेंसर का उपयोग कई स्वास्थ्य, खाद्य गुणवत्ता और पर्यावरणीय मानक (पैरामीटर) की तेजी से और सुविधाजनक पहचान के लिए किया जा सकता है। साथ ही ये रक्ताल्पता (एनीमिया), कैंसर आदि जैसी बीमारियों की त्वरित पहचान और जांच के लिए कम लागत वाले देखभाल उपकरणों का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।

हाल के दशकों में संवेदन (सेंसिंग) अनुप्रयोगों के लिए नैनोमटेरियल्स की कई श्रेणियों में प्रगति देखी गई है। धात्विक-कार्बनिक संरचना (मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क-एमओएफ) और द्वि-आयामी (2-डी) सामग्रियों में कई अनूठी विशेषताएं होती हैं जो उन्हें अन्य नैनोमटेरियल्स की तुलना में सेंसर के रूप में बेहतर विकल्प के रूप में प्रस्तुत करती हैं। एमओएफ और 2डी दोनों श्रेणी की सामग्रियां अपने बड़े सतह क्षेत्र, कार्यक्षमता और ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक गुणों के लिए जानी जाती हैं। उनके पास संश्लेषण विधियों की एक विस्तृत श्रृंखला भी है और उन्हें डिस्पोजेबल इलेक्ट्रोड, ऑप्टिकल किट, फाइबर ऑप्टिक सेंसर, कलरिमेट्रिक स्ट्रिप्स आदि में विकसित किया जा सकता है।

बैक्टीरिया, एफ्लाटॉक्सिन और भारी धातुओं जैसे विभिन्न विश्लेषणों के लिए इलेक्ट्रोकेमिकल और ऑप्टिकल सेंसर विकसित करने के लिए इन उत्कृष्ट सामग्री सुविधाओं का उपयोग किया गया है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान, नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (इंस्टीट्यूट ऑफ नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी-आईएनएसटी), मोहाली के शोधकर्ताओं ने नैनो पॉलिमर बहुकार्यात्मक धात्विक-कार्बनिक संरचना (मल्टीफंक्शनल मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क-एमओएफ) और द्विआयामी (2डी) सामग्रियों पर आधारित विद्युत रासायनिक (इलेक्ट्रोकेमिकल) और प्राशिक जैव सेंसर (ऑप्टिकल बायोसेंसर) का एक समूह विकसित किया है। एमओएफ बहुक्रियाशील समन्वयन (मल्टीफंक्शनल कोआर्डिनेशन) पॉलिमर हैं जबकि एमओएस2 नैनोशीट, एमजींस (एमएक्सईएनईएस) कुछ ऐसी द्वि-आयामी (2डी) सामग्रियां हैं जो सेंसर के लिए पसंद की सामग्री के रूप में उभरी हैं।

शोधकर्ताओं ने एमओएफएस, 2डी नैनोमटेरियल्स (जैसे, एमओएस2, एमजींस (एमएक्सईएनईएस) और उनके मिश्रण (कंपोजिट) का उपयोग किया है। जबकि ये सामग्रियां बड़े सतह क्षेत्र, कार्यक्षमता और वांछित पारगमन मोड प्रदान करती हैं, जैव-पहचान अणुओं के साथ उनका एकीकरण भी सुदृढ़ था और इसलिए विश्वसनीय सेंसर प्रदर्शन हुआ। इस शोध के परिणाम एल्सेवियर जर्नल्स फूड कंट्रोल एंड माइक्रोकेमिकल में प्रकाशित हुए थे।

एमओएफ, 2डी सामग्री और उनके मिश्रण (कंपोजिट) का अनुप्रयोग विश्लेषकों के विद्युत रासायनिक (इलेक्ट्रोकेमिकल) और प्रकाशिक संवेदन (ऑप्टिकल सेंसिंग) के लिए कई वर्तमान तरीकों की तुलना में अधिक संवेदनशीलता की अनुमति देता है। ये सामग्रियां मल्टीमोड पहचान क्षमताएं प्रदान करती हैं और इसलिए कुछ विकसित सेंसरों को एक साथ नग्न आंखों पर आधारित और प्रतिदीप्ति-आधारित (फ्लोरेसेंस बेस्ड) जांच के लिए प्रदर्शित किया गया है। एमओएफ और 2डी सामग्री-आधारित इंटरफेस पर जैव-पहचान (बायो-रेकोग्निशन) तत्वों के जैव-संयुग्मन (बायोकांजुगेशन) को भी नैनो-से-पिको-मोलर स्तर की संवेदनशीलता को सुविधाजनक बनाने के लिए अधिक घनत्व के साथ चित्रित किया गया था।

रोगों का पता लगाने के अलावा, ये उपकरण पानी, दूध और मुख्य खाद्य पदार्थों के नमूनों में एफ्लाटॉक्सिन और ज़ेरालोइन जैसे खाद्य विषाक्त पदार्थों का विश्लेषण करने के लिए भी उपयोगी हैं। इनमें से कुछ सेंसरों को पर्यावरणीय गुणवत्ता की निगरानी के लिए गैस और भारी धातु का पता लगाने वाले उपकरणों के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।

प्रकाशन:

https://doi.org/10.1016/j.foodcont.2024.110694

https://doi.org/10.1016/j.microc.2024.110122

https://doi.org/10.1016/j.foodcont.2024.110497

https://doi.org/10.1039/D4NR00768A

पानी और भोजन के नमूनों में क्रोमियम [सीआर(वीआई=सिक्स)] का पता लगाने के लिए एक सरल नैनो जांच (प्रोब)। नैनोप्रोब को एस्कॉर्बिक एसिड के साथ संयुग्मित एमओएफ के साथ तैयार किया जाता है, जिसकी   प्रतिदीप्ति सीआर (सिक्स) की उपस्थिति में चालू होती  है।
A diagram of a chemical reactionDescription automatically generated
एफ्लाटॉक्सिन बी1 के लिए स्क्रीन-प्रिंटेड इलेक्ट्रोड आधारित इलेक्ट्रोकेमिकल सेंसर। इलेक्ट्रोड को एमओएफ  और एम एक्सईएनईएस के मिश्रण (कम्पोजिट) से संशोधित किया गया था, जिसे प्रयोगशाला में संश्लेषित किया गया था। सेंसर एफ्लाटॉक्सिन बी1 के पीपीबी स्तर का पता लगाता है।
figure 1
फेरिटिन और आईजीजी की प्रकाशिक तंतु (ऑप्टिकल फाइबर) आधारित पहचान के लिए सेंसिंग सेटअप। ऑप्टिकल फाइबर को सोने (गोल्ड) की एक पतली परत के साथ संशोधित किया गया था और उसके बाद एल-सिस्टीन संशोधित एमओएस2 की एक और नैनोलेयर लगाई गई थी। एसपीआर संकेत (सिग्नल) आधारित सेंसर फेरिटिन और आईजीजी की संवेदनशील पहचान (सेंसिटिव डिटेक्शन) प्रदान करता है।
संबंधित समाचार

ताजा खबर