6.5 लाख रुपए तक की आय टैक्स फ्री

केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आज संसद में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पेश किया। बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि एक करोड़ लोगों ने पहली बार टैक्स भरा। सरकार ने इनकम टैक्स छूट की सीमा को 5 लाख रुपए कर दी है। स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40 हजार रुपए से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि हमने टैक्सपेयर्स के लिए, टैक्स फाइलिंग को आसान बनाया, टैक्स कलेक्शन बढ़कर 12 लाख करोड़ हुआ। 24 घंटे में आईटी रिटर्न की प्रोसेसिंग, टैक्स मूल्यांकन के लिए दफ्तर नहीं जाना पड़ेगा। मैं ईमानदार करदाताओं को धन्यवाद देता हूं।’ सेक्शन 80 (i) बीए के तहत छूट को 1 साल के लिए और बड़ा दिया गया है। पोस्ट ऑफिस और बैंक डिपॉजिट के ब्याज पर टीडीएस की सीमा को 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 40 हजार रुपए कर दिया गया है। घर किराए से आय पर टीडीएस की सीमा को 1.8 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.4 लाख रुपए किया गया। दूसरे घर पर नोशनल रेंट पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि अगर कोई निवेश करता है तो 6.5 लाख रुपए तक की आय टैक्स फ्री हो जाएगी। इसमें 1.5 लाख रुपए के सेक्शन 80 सी की लिमिट भी शामिल हैं।
5 से 10 लाख रुपये तक की आमदनी पर 20 प्रतिशत टैक्‍स लगेगा। वहीं, 10 लाख रुपये से ऊपर की आमदनी पर 30 प्रतिशत टैक्‍स लगेगा। साथ ही निवेश के साथ अब 6.5 लाख तक पर टैक्‍स छूट मिलेगी। 40 हजार तक के बैंक ब्‍याज पर अब टैक्‍स नहीं लगेगा। दो घर होने पर भी कोई टैक्‍स नहींं लगेगा। स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन भी 40 हजार से बढा़कर 50 हजार रुपये कर दिया गया है। ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए की गई है। हर श्रमिक के लिए न्यूनतम पेंशन अब एक हजार रुपए हो चुकी है। न्यू पेंशन स्कीम के तहत सरकार ने योगदान को 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया है। जो लोग 21 हजार रुपए प्रतिमाह कमाते हैं उन्हें बोनस मिलेगा। यह बोनस 7 हजार रुपए किया गया है।
वर्ष 2018-19 के बजट अनुमानों में प्रदत्‍त 2,82,733 करोड़ रूपये की तुलना में वर्ष 2019-20 के लिए बजट अनुमानों में रक्षा बजट 3,05,296 करोड़ रूपये प्रदान किये गये हैं। इन आकड़ों को वर्ष 2018-19 के संशोधित अनुमानों में 2,85,423 करोड़ रूपये तक संशोधित किया गया था। पीयूष गोयल ने कहा कि हमारा रक्षा बजट 2019-20 में प्रथम बार 3,00,000 करोड़ रूपये के आंकड़े को पार कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि हमारी सीमाओं को सुरक्षित करने और उच्‍चतम स्‍तर की तैयारियों को बनाये रखने के लिए यदि आवश्‍कता होती है तो अतिरिक्‍त निधियां प्रदान की जायेगी।
रक्षा और राष्‍ट्रीय सुरक्षा को मजबूती प्रदान करने के मुद्दे पर अंतरिम बजट 2019-20 में कहा गया है कि हमारे सैनिक दुर्गम परिस्थितियों में हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं और वे हमारा गर्व और सम्‍मान है। वित्‍त मंत्री श्री गोयल ने कहा कि उनके सम्‍मान पर महत्‍वपूर्ण रूप से ध्‍यान दिया गया है। उन्‍होंने कहा कि वन रेंक वन पेंशन (ओआरओपी) का मुद्दा, जो पिछले 40 वर्षों से लंबित था, अब इसे हल कर दिया गया है। उन्‍होंने कहा कि सरकार सभी सेनाकर्मियों की सैन्‍य सेवा वेतनमान (एमएसपी) में महत्‍वपूर्ण रूप से बढ़ोत्‍तरी और अत्‍यधिक जोखिम से भरे क्षेत्रों में तैनात नौसेना और वायुसेना कर्मियों को विशेष भत्‍ते दिये जाने की घोषणा कर चुकी है।
रेलवे के लिए 64,587 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्‍होंने कहा कि रेलवे का समग्र पूंजीगत व्‍यय कार्यक्रम 1,58,658 करोड़ रुपये का है।
पपीयूष गोयल ने कहा कि यह भारतीय रेलवे के इतिहास में सबसे सुरक्षित वर्ष रहा है क्‍योंकि बड़ी लाइनों वाले नेटवर्क पर अवस्थित सभी मानवरहित लेवल क्रॉसिंग को समाप्‍त कर दिया गया है।
स्‍वेदश में पहली बार विकसित एवं निर्मित सेमी हाई-स्‍पीड ‘वंदे भारत एक्‍सप्रेस’ का परिचालन शुरू होने से भारतीय यात्रियों को तेज रफ्तार, बेहतरीन सेवा एवं सुरक्षा के साथ विश्‍वस्‍तरीय अनुभव होगा। हमारे इंजीनियरों द्वारा पूर्ण रूप से विकसित प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में लगाई गई इस उल्‍लेखनीय ऊंची छलांग से ‘मेक इन इंडिया’ को काफी बढ़ावा मिलेगा और इसके साथ ही रोजगारों का सृजन भी होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि ‘बुनियादी ढांचा किसी भी राष्‍ट्र के विकास और बेहतर जीवन स्‍तर की रीढ़ है। चाहे यह राजमार्ग हो या रेलवे अथवा हवाई मार्ग या डिजी-वे हो, हमने वृद्धिपरक विकास से भी कहीं आगे बढ़कर रूपांतरकारी उपलब्धियां हासिल की हैं।’
सिक्किम में पक्‍योंग एयरपोर्ट के चालू होने के साथ ही परिचालन वाले हवाई अड्डों की संख्‍या 100 का आंकड़ा पार कर गई है। पिछले पांच वर्षों में घरेलू यात्रियों की संख्‍या दोगुनी हो गई है जिससे बड़ी संख्‍या में रोजगार भी सृजित हो रहे हैं। आज विश्‍व भर में सबसे तेजी से राजमार्गों का विकास भारत में ही हो रहा है। भारत में प्रतिदिन 27 किलोमीटर लंबे राजमार्गों का निर्माण हो रहा है। कई दशकों से अटकी पड़ी कई परियोजनाएं अब पूरी कर ली गई हैं जिनमें दिल्‍ली के आसपास स्थित ईस्‍टर्न पेरिफेरल हाईवे और असम एवं अरुणाचल प्रदेश में बोगीबील रेल-सह-सड़क पुल भी शामिल हैं। देश के तटीय क्षेत्रों से जुड़े प्रमुख कार्यक्रम ‘सागरमाला’ से ऐसे बंदरगाहों का विकास संभव हो पाएगा जहां आयात एवं निर्यात कारगो का त्‍वरित संचालन हो सकेगा। पहली बार कोलकाता से वाराणसी तक अंतर्देशीय जल मार्ग पर कंटेनर फ्रेट की ढुलाई शुरू हुई है। वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ब्रह्मपुत्र नदी की नौवहन क्षमता बढ़ाकर पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए भी कंटेनर कारगो की आवाजाही की शुरुआत करेगी।
वित्त मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि इस अंतरिम बजट में आधारभूत विकास का महत्वपूर्ण लाभ पूर्वोत्तर के लोगों को मिला है। अरुणाचल प्रदेश में हाल ही में विमान सेवा शुरू की गई है और मेघालय, त्रिपुरा तथा मिजोरम को पहली बार भारतीय रेल के नक्शे पर स्थान मिला है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए आवंटन को बजटीय अनुमान 2018-19 की तुलना में 21 प्रतिशत बढ़ाकर बजटीय अनुमान 2019-20 में 58,166 करोड़ रुपये किया गया है।
अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या के समाधान की दिशा में वैश्विक प्रयासों में भारत अपना नेतृत्व प्रदान कर रहा है। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की स्थापना में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने का हमारा संकल्प दिखाई पड़ता है, जिसकी पहली संधि के आधार पर भारत में अंतर्राष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठन का मुख्यालय स्थापित किया गया है। पिछले पांच वर्षों में भारत की स्थापित सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में दस गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। यह क्षेत्र अब नये दौर में लाखों लोगों के लिए रोजगार का सृजन कर रहा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के मामले में आयात पर भारत की निर्भरता हमारी सरकार के लिए बड़ी चिंता का विषय रहा है। हमने जैव ईंधन और वैकल्पिक प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल से इसकी बढ़ती मांग में कमी लाने के उद्देश्य से अनेक उपाय किए हैं, फिर भी आयात में कमी लाने के लिए हाइड्रोकार्बन का उत्पादन बढ़ाने की शीघ्र आवश्यकता है। हमारी सरकार ने एक उच्च स्तरीय अंतर-मंत्रालय समिति गठित की है। इस समिति ने खोज के लिए निविदा प्रणाली में सुधार और दूसरी तथा तीसरी श्रेणी के बेसिनों के लिए खोज कार्यक्रम में राजस्व की हिस्सेदारी में बदलाव सहित कई विशेष सिफारिशें की हैं। सरकार इन सिफारिशों के क्रियान्‍वयन में जुट गई है।
छोटे और सीमांत किसानों को निश्चित आय सहायता उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की शुरूआत की है। श्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस योजना के तहत 2 हेक्टेयर तक भूमि वाले छोटी जोत वाले किसान परिवारों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष की दर से प्रत्यक्ष आय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। यह आय सहायता 2,000 रुपये प्रत्येक की तीन समान किस्तों में लाभान्वित किसानों के बैंक खातों में सीधे ही हस्तांतरित कर दी जाएगी। इस कार्यक्रम का वित्त पोषण भारत सरकार द्वारा किया जाएगा। इस कार्यक्रम से लगभग 12 करोड़ छोटे और सीमांत किसान परिवारों के लाभान्वित होने की उम्मीद है। यह कार्यक्रम 1 दिसंबर, 2018 से लागू किया जाएगा और 31 मार्च, 2019 तक की अवधि के लिए पहली किस्त का इसी वर्ष के दौरान भुगतान कर दिया जाएगा। इस कार्यक्रम पर 75,000 करोड़ रुपये का वार्षिक व्यय आयेगा। पीएम-किसान अधिकांश छोटे किसान परिवारों को न केवल निश्चित पूरक आय उपलब्ध कराएगा बल्कि विशेष रूप से फसल कटाई सीजन से पूर्व किसानों की आकस्मिक जरूरतों को भी पूरा करने में मदद करेगा। पीएम-किसान, किसानों के लिए एक सम्मानित जीवन अर्जित और जीने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन-
मंत्री महोदय ने पशुपालन के संबंध में कहा कि मैंने इस वर्ष में ही राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए आवंटन बढ़ाकर 750 करोड़ रुपये कर दिया है। मैं राष्ट्रीय कामधेनू आयोग की स्थापना की घोषणा करता हूं। इससे गाय संसाधनों का सतत अनुवांशिक उन्नयन करने और गायों का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह आयोग गायों के लिए कानूनों और कल्याण योजना को प्रभावी रूप से लागू करने की भी देखभाल करेगा।
मत्स्य पालन विभाग-
मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास के बारे में सतत ध्यान केंद्रित करने के लिए सरकार ने अलग से मत्स्य पालन विभाग का सृजन करने का निर्णय लिया है। श्री गोयल ने कहा कि पिछले बजट में हमारी सरकार ने पशुपालक और मत्स्य पालक किसानों के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड योजना (केसीसी) का विस्तार करने की घोषणा की थी। अब मैं किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण लेकर पशुपालन और मत्स्य पालन की गतिविधियां चला रहे किसानों के लिए 2 प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ देने का प्रस्ताव करता हूं। इसके अलावा ऋण का समय पर पुनर्भुगतान करने पर उन्हें 3 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज छूट भी दी जाएगी।
फसल ऋण-
प्राकृतिक आपदाएं आने पर किसान आमतौर पर अपने फसल ऋणों का भुगतान करने में असमर्थ हो जाते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान में ऐसे प्रभावित किसानों के लिए फसल ऋणों का पुनः कार्यक्रम बनाया जा रहा है और किसानों को पुनः अनुसूचित ऋणों के पहले वर्ष के लिए ही दो प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ मिलेगा। हमारी सरकार ने निर्णय लिया है कि प्राकृतिक आपदाओं से बुरी तरह प्रभावित सभी किसानों को जहां सहायता राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से उपलब्ध कराई जा रही हो, 2 प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा और उनके ऋणों की पुनः अनुसूचित पूरी अवधि के लिए 3 प्रतिशत तत्काल पुनः भुगतान प्रोत्साहन भी दिया जाएगा।