Monday, November 25, 2024
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गौतम अडानी पर अमेरिका में रिश्वतखोरी का आरोप, ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट

नई दिल्ली (हि.स.)। अडानी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडानी एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। अमेरिका में उन पर अरबों डॉलर की रिश्वतखोरी में शामिल होने और निवेशकों को धोखा देने का आरोप लगाया गया है। इन आरोपों की अमेरिकी कोर्ट में प्राथमिक सुनवाई हुई। इसके बाद गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया है। इन आरोपों के बाद अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में आज जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। ग्रुप की अलग-अलग कंपनियों के शेयर 10 से लेकर 23 प्रतिशत तक टूट गए।

गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और एक अन्य पर अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर्स ने आरोप लगाया गया है कि अडानी ग्रुप ने सोलर एनर्जी का कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी थी। अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) की ओर से बनाए गए मामले में कहा गया है कि गौतम अडानी, सागर अडानी और अन्य ने झूठे और भ्रामक बयानों के जरिए अमेरिकी निवेशकों और ग्लोबल फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से फंड जुटाए और इस फंड का इस्तेमाल रिश्वतखोरी में किया। आरोप में कहा गया है कि अडानी की ओर से करीब 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी गई। ये आरोप विदेशी व्यापार सौदों में रिश्वतखोरी रोकने के लिए बनाए गए अमेरिकी कानून विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम के तहत आते हैं।

न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में दाखिल किए गए अभियोग में गौतम अडानी और सागर अडानी के अलावा विनीता एस जैन के नाम शामिल किए गए हैं। इस मामले में आपराधिक आरोप होने के साथ ही अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ने एक सिविल केस भी दाखिल किया है। अडानी ग्रुप पर इलेक्ट्रॉनिक सबूत मिटाने के साथ जस्टिस डिपार्मेंट, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन और एसबीआई को गुमराह करने का आरोप भी लगाया गया है।

अडानी ग्रुप के खिलाफ ये आरोप ऐसे समय पर आए हैं जब ये ग्रुप अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से लगे झटकों के बाद काफी हद तक उबर चुका है। हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद ग्रुप की वित्तीय स्थिति पर काफी असर पड़ा था लेकिन उसके बाद से अडानी ग्रुप ने अपने कर्ज में काफी कटौती की है। अगस्त 2024 में ही अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस ने अपने कर्ज को घटाने और पावर इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में इन्वेस्टमेंट करने के लिए क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट(क्यूआईपी) के जरिए करीब एक अरब डॉलर का फंड जुटाया था। इसी तरह अडानी ग्रुप ने 2025 की शुरुआत में अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस के डॉलर बॉन्ड जारी करके 1.5 अरब डॉलर जुटाने की भी योजना बनाई थी। इस रकम का इस्तेमाल भी कर्ज चुकाने में ही किया जाना था। हालांकि अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर्स द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद अडानी ग्रुप ने अपने प्रस्तावित बॉन्ड को वापस ले लिया है।

अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर्स द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में आज भूचाल आया हुआ है। ग्रुप की ज्यादातर कंपनियों के शेयर 10 प्रतिशत से लेकर 20 प्रतिशत तक टूट चुके हैं। खासकर, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस का शेयर 20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 697.25 रुपये के स्तर पर पहुंच कर लोअर सर्किट में आ गया है। इसी तरह अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने भी आज लगभग 23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2172.5 के स्तर को छू लिया था।

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