मोदी सरकार का फैसला: ₹1.64 लाख करोड़ से होगा BSNL का पुनरुद्धार, जल्द शुरू होगी 4G सेवा

भारत संचार निगम लिमिटेड को वित्तीय रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज ₹1.64 लाख करोड़ रुपये के बीएसएनएल के रिवाइवल पैकेज को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित पुनरुद्धार उपायों के माध्यम से भारत ब्रॉडबैंड निगम लिमिटेड का बीएसएनएल में विलय करके बीएसएनएल सेवाओं के उन्नयन, स्पेक्ट्रम आवंटन, इसकी बैलेंस शीट को डी-स्ट्रेस करना और इसके फाइबर नेटवर्क को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

मौजूदा सेवाओं में सुधार और 4जी सेवाएं प्रदान करने के लिए, बीएसएनएल को इक्विटी निवेश द्वारा ₹44,993 करोड़ की लागत से 900/1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन किया जाएगा। इस स्पेक्ट्रम के द्वारा, बीएसएनएल बाजार में प्रतिस्पर्धा करने और ग्रामीण क्षेत्रों सहित अपने विशाल नेटवर्क का उपयोग करके हाई स्पीड डेटा प्रदान करने में सक्षम होगा।

स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने के लिए, बीएसएनएल आत्मनिर्भर 4जी प्रौद्योगिकी स्टैक लगाने की दिशा में अग्रसर है। अगले 4 वर्षों के लिए अनुमानित पूंजीगत व्यय को पूरा करने के लिए, सरकार ₹22,471 करोड़ कैपेक्स फंड देगी। आत्मनिर्भर 4जी स्टैक को विकसित करने तथा लगाने से महत्वपूर्ण प्रोत्साहन मिलेगा।

वाणिज्यिक अव्यवहार्यता के बावजूद, बीएसएनएल सरकार के सामाजिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए ग्रामीण व दूरस्थ क्षेत्रों में वायरलाइन सेवाएं प्रदान कर रहा है। सरकार 2014-15 से 2019-20 के दौरान किए गए व्यावसायिक रूप से अव्यवहार्य ग्रामीण वायरलाइन संचालन के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग के रूप में बीएसएनएल को ₹13,789 करोड़ प्रदान करेगी।

एजीआर बकाया के निपटान, कैपेक्स के प्रावधान और स्पेक्ट्रम के आवंटन के बदले बीएसएनएल की अधिकृत पूंजी को ₹40,000 करोड़ से बढ़ाकर ₹1,50,000 करोड़ किया जाएगा। सरकार इन पीएसयू को दीर्घकालिक ऋण लेने के लिए सॉवरेन गारंटी देगी जो ₹40,399 करोड़ की राशि के लिए दीर्घकालिक बॉन्ड लेने में सहायक होंगे। इससे मौजूदा ऋण के पुनर्गठन और बैलेंस शीट को डी-स्ट्रेस करने में मदद मिलेगी।

बैलेंस शीट को और बेहतर बनाने के लिए, बीएसएनएल की ₹33,404 करोड़ की एजीआर बकाया राशि को इक्विटी में परिवर्तित करके चुकाया जाएगा। एजीआर व जीएसटी बकाया के निपटारे के लिए सरकार बीएसएनएल को धन उपलब्ध कराएगा। बीएसएनएल सरकार को ₹7,500 करोड़ के प्रेफरेंस शेयर पुन: जारी करेगा।

भारतनेट के तहत निर्मित बुनियादी ढांचे के व्यापक उपयोग के लिए, भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड का बीएसएनएल में विलय किया जाएगा। भारतनेट के तहत सृजित बुनियादी ढांचा राष्ट्रीय संपत्ति बना रहेगा, जो सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लिए बिना भेदभाव के आधार पर उपलब्ध होगा।

इन उपायों के द्वारा, बीएसएनएल मौजूदा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करने, 4जी सेवाओं को शुरू करने और वित्तीय रूप से व्यवहार्य बनने में सक्षम होगा। यह उम्मीद की जाती है कि इस रिवाइवल योजना के लागू होने के साथ, बीएसएनएल वित्त वर्ष 2026-27 में लाभ अर्जन करके टर्न अराउंड होगा।