नई दिल्ली (हि.स.)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (अरबीआई) ने वित्त वर्ष 2025-26 की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठकों का शेड्यूल जारी कर दिया है। चालू वित्त वर्ष में एमपीसी की कुल 6 बैठकें होंगी, जिनमें से पहली बैठक 7-9 अप्रैल को होगी। रिजर्व बैंक इस बार भी नीतिगत दर रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है।
आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में वित्त वर्ष 2025-26 की पहली मौद्रिक नीति समिति की दो दिवसीय समीक्षा बैठक 7 अप्रैल को शुरू होकर 9 अप्रैल, 2025 तक चलेगी। आरबीआई गवर्नर 9 अप्रैल को एमपीसी के निर्णय की जानकारी देंगे। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 की आखिरी एमपीसी बैठक मे रेपाे रेट काे 0.25 फीसदी घटाकर 6.5 फीसदी से 6.25 फीसदी कर दिया था।
आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति चालू वित्त वर्ष की 7-9 अप्रैल की होने वाली पहली बैठक में रेपो रेट में 25 आधार अंकों यानी 0.25 फीसदी तक की कटौती कर सकता है। इसके अलावा कुछ रेटिंग एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एमपीसी अप्रैल में होने वाली बैठक में आरबीआई रेपो रेट में 25 आधार अंकों की और कटौती कर सकता है।
मौद्रिक नीति समिति क्या है
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति में 6 सदस्य होते हैं। इनमें से 3 सदस्य रिजर्व बैंक के होते हैं, जबकि बाकी 3 सदस्य केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं। छह सदस्यीय इस समिति को मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मौद्रिक पॉलिसी बनाने के अलावा प्रमुख नीतिगत ब्याज दरें निर्धारित करने का काम सौंपा गया है। ये बैठक आमतौर पर प्रत्येक दो महीने में होती है।
RBI’s monetary review meeting on 7-9 April, 0.25% reduction in repo rate possible
क्या होता है रेपो रेट
रेपो रेट वह नीतिगत ब्याज दर होता है जिस पर भारत के बैंक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से पैसे उधार लेते हैं। आरबीआई जब इस दर को कम करता है, तो बैंक भी कम ब्याज दरों पर ग्राहकों को लोन दे सकते हैं। इसका मतलब है कि लोन लेने वाले लोगों को कम ब्याज देना होगा। अगर रेपो रेट कम होती है तो होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन पर ब्याज दरें कम हो जाएंगी। इसके साथ ही कारोबारियों के लिए लोन लेना भी आसान हो जाएगा।
वर्तमान में एमपीसी के सदस्य
रिजर्व बैंक के वर्तमान में छह सदस्य हैं। इनमें आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा, केंद्रीय बैंक के कार्यकारी निदेशक डॉ. राजीव रंजन, रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव, डॉ. नागेश कुमार, डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव, औद्योगिक विकास अध्ययन संस्थान, नई दिल्ली के सौगता भट्टाचार्य, अर्थशास्त्री प्रोफेसर राम सिंह, डायरेक्टर, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, दिल्ली विश्वविद्यालय हैं।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एमपीसी की बैठकों का कार्यक्रम जारी कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए छह मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) बैठकें निर्धारित की हैं। इसमें पहली बैठक 7-9 अप्रैल को होगी। इससे पहले आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 की आखिरी एमपीसी बैठक में नीतिगत ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की थी, जो 6.5 फीसदी से घटकर 6.25 फीसदी हो गया था। आरबीआई ने ये कटौती करीब 5 साल के बाद की थी।