क्या है रेफरेंस गैसोलीन और डीजल? जिसे केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने किया है लॉन्च

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “इंडियन ऑयल के अनुसंधान एवं विकास केंद्र में उपलब्ध बौद्धिक प्रतिभा का उपयोग करते हुए, इंडियन ऑयल के पारादीप और पानीपत रिफाइनरियों द्वारा उत्पादित रेफरेंस फ्यूल्स का लॉन्च एक बड़ी उपलब्धि है।” वह भारत में पहली बार इंडियन ऑयल द्वारा उत्पादित ‘रेफरेंस गैसोलीन और डीजल ईंधन’ के लॉन्च के ऐतिहासिक अवसर पर बोल रहे थे।

हरदीप सिंह पुरी ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि यह कदम हमारी स्वदेशी तकनीकी क्षमता पर मुहर लगाता है जो भारत सरकार के मेक इन इंडिया मिशन को गति देता है। उन्होंने कहा कि यह हमारे प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के विजन को बढ़ावा देने की एक और पहल है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह पहली बार है कि भारत रेफरेंस गैसोलीन और डीजल ईंधन के उत्पादन में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप इन उत्पादों का घरेलू विकास इंडियन ऑयल की प्रतिभा और अथक परिश्रम का प्रमाण है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह उपलब्धि न केवल आयात पर भारत की निर्भरता को कम करती है बल्कि भारत के ऊर्जा उद्योग को विशिष्ट दक्षताओं से सुसज्जित चुनिंदा वैश्विक कंपनियों तक पहुंचाती है।

हरदीप सिंह पुरी ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा अपनाई गई चार-कोणीय ऊर्जा सुरक्षा कार्यनीति की चर्चा की। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को ‘ऊर्जा-आत्मनिर्भर’ राष्ट्र में रूपांतरित करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन द्वारा निर्देशित रणनीति में (i) ऊर्जा आपूर्ति का विविधीकरण (ii) भारत की उत्खनन और उत्पादन उपस्थिति में वृद्धि (iii) वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत और गैस आधारित अर्थव्यवस्था के माध्यम से ऊर्जा रूपांतरण को पूरा करना और (iv) हरित हाइड्रोजन एवं ईवी शामिल हैं।

हरदीप सिंह पुरी ने तेल कंपनियों के प्रयासों की सराहना की जो पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय लक्ष्यों और प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की दिशा में बड़ी उपलब्धि अर्जित कर रही हैं। उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा, विशेष रूप से जैव-ईंधन अनुभाग, बीएस-VI ईंधन में रूपांतरण और ईवी चार्जिंग स्टेशनों की शुरूआत, सीबीजी, सतत विमानन ईंधन, इथेनॉल मिश्रण और हाइड्रोजन ईंधन की दिशा में मंत्रालय के प्रयासों का भी उल्लेख किया।

भारत के पहले 2जी और 3जी इथेनॉल संयंत्रों को कमीशन करने के द्वारा इंडियन ऑयल के हरित एजेंडे को बढ़ाने के लिए पानीपत रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेक्स को पथप्रदर्शक पहलों का ध्वजवाहक बताते हुए, हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पानीपत में आगामी 10 केटीए हरित हाइड्रोजन संयंत्र इंडियन ऑयल के हरित ऊर्जा रूपांतरण को और बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि यह इकाई एक बड़े विस्तार के कगार पर है और यह देश के ऊर्जा उद्योग के लिए एक आशाजनक भविष्य की शुरुआत करती है।

पारादीप रिफाइनरी को भारत की सबसे आधुनिक और जटिल रिफाइनरी, जो 100 प्रतिशत उच्च सल्फर कच्चे तेल को संसाधित कर सकती है, के रूप में संदर्भित करते हुए उन्होंने कहा कि इस रिफाइनरी ने एक बड़ी उपलब्धि अर्जित की जब उसने हाल ही में साउथ ऑयल जेट्टी पर अपना 1000वां पोत हैंडल किया।

हरदीप सिंह पुरी ने 1500 पेटेंट दाखिल करने और अग्रणी काम के लिए दशकों तक सम्मान हासिल करने की उपलब्धि अर्जित करने पर इंडियन ऑयल के अनुसंधान एवं विकास केंद्र की सराहना की। उन्होंने कहा, “मैं रेफरेंस फ्यूल्स के सफल उत्पादन में पारादीप और पानीपत रिफाइनरियों के साथ-साथ इंडियन ऑयल अनुसंधान एवं विकास केंद्र के योगदान की सराहना करता हूं।”

हरदीप सिंह पुरी ने अधिक टिकाऊ भविष्य की अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में भारत द्वारा की गई महत्वपूर्ण प्रगति को स्वीकार किया। उन्होंने उत्सर्जन को कम करने के लिए ईंधन मिश्रण के त्वरित कार्यान्वयन, 2025 से 2030 तक 20 प्रतिशत ब्लेंडिंग प्राप्त करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को आगे बढ़ाने, 5,000 से अधिक पेट्रोल खुदरा दुकानों पर ई 20 मिश्रित ईंधन की बिक्री आदि कदमों का उल्लेख किया।

हाल ही में दिल्ली में ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूल सेल बसों की शुरुआत का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि यह पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों के प्रति हमारे समर्पण की पुष्टि करता है। कच्चे तेल की कीमतों में संतुलन बनाए रखते हुए विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा दिए जाने पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, हम वैश्विक ऊर्जा बाजार में एक प्रतिष्ठित देश के रूप में अपनी क्षमता का सर्वोत्तम उपयोग कर रहे हैं।

गैस और ऊर्जा क्षेत्र में नवोन्मेषण के महत्व को रेखांकित करते हुए श्री पुरी ने ग्राहकों के लिए प्रोडक्ट लाइन में सुधार करने के लिए अपनी प्रक्रियाओं और प्रौद्योगिकियों में निरंतर नवोन्मेषण बनाए रखने के लिए तेल कंपनियों को बधाई दी।

क्या है रेफरेंस गैसोलीन और डीजल

इंडियन ऑयल ने भारत में पहली बार रेफरेंस गैसोलीन और डीजल ईंधन का उत्पादन सफलतापूर्वक आरंभ किया है। इन ईंधनों का उपयोग ऑटोमोबाइल विनिर्माताओं और आईसीएटी (इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी) तथा एआरएआई (ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया) जैसी जांच एजेंसियों द्वारा वाहन के अंशांकन और परीक्षण के लिए किया जाता है। इस उत्पाद का स्वदेशी विकास प्रधानमंत्री के “आत्मनिर्भर भारत” के विजन के अनुरूप है।

इंडियन ऑयल की रिफाइनरीज और आर एंड डी की टीमों ने कम से कम समय में इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की है। अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करने के लिए ये उत्पाद प्रमाणन के तीन चरणों अर्थात रिफाइनरी लैब, आईओसीएल आरएंडडी सेंटर और एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विख्यात एक तृतीय पक्ष प्रयोगशाला से गुजरे थे।

भारत इस विशिष्ट ईंधन की मांग को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। स्वदेशी रूप से विकसित ये उत्पाद वाहन निर्माताओं के लिए बेहतर कीमत और न्यूनतम समय सीमा पर आयात प्रतिस्थापन को बढ़ावा देंगे। रेफरेंस गैसोलीन फ्यूल पारादीप की इस प्रमुख रिफाइनरी से ई0, ई5, ई10, ई20, ई85, ई100 में उपलब्ध होगा। रेफरेंस डीजल ईंधन पानीपत रिफाइनरी से बी7 ग्रेड में उपलब्ध होगा।

रेफरेंस ईंधन (गैसोलीन और डीजल) प्रीमियम हाई-वैल्यू वाले उत्पाद हैं, जिनका उपयोग ऑटो ओईएम और ऑटोमोटिव क्षेत्र में परीक्षण और प्रमाणन से जुड़े संगठनों द्वारा वाहनों के अंशांकन और परीक्षण के लिए किया जाता है। रेफरेंस ईंधन की विनिर्देश आवश्यकताएँ वाणिज्यिक गैसोलीन और डीजल की तुलना में अधिक सख्त हैं। भारत में रेफरेंस फ्यूल की मांग फिलहाल दूसरे देशों से आयात करके पूरी की जाती है।

इंडियन ऑयल द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित उत्पाद ऑटोमोटिव उद्योग मानक (एआईएस) विनिर्देशों को पूरा करता है, आयात का विकल्प देता है और कम लीड टाइम के साथ बेहतर कीमत पर उपलब्ध है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने अपनी पारादीप रिफाइनरी में रेफरेंस गैसोलीन ईंधन (ई-5, ई-10 और ई-20) और अपनी पानीपत रिफाइनरी में रेफरेंस डीजल ईंधन (बी-7) के उत्पादन के लिए सुविधा केंद्र स्थापित की हैं।