भारतीय वायुसेना के बेड़े में आज चिनूक हेलीकॉप्टर शामिल किये जायेंगे। अमेरिकी कंपनी बोइंग द्वारा बनाए गए चार चिनूक सीएच-47आई हेलीकॉप्टरव 10 फरवरी को भारत आए हैं। भारत ने ऐसे 15 हेलीकॉप्टर खरीदे हैं। बाकी 11 चिनूक हेलीकॉप्टरों को जल्द ही बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा।
चिनूक हेलीकॉप्टर को वायुसेना में शामिल करने के लिए चंडीगढ़ एयरबेस पर एक इंडक्शन समारोह का आयोजन किया गया है, जिसमें वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ 4 चिनूक हेलीकॉप्टर वायुसेना में शामिल करेंगे। ये हेलीकॉप्टर चंडीगढ़ की 126 एयचू यूनिट की द फीदर वेट्स स्कॉवड्रन का हिस्सा बनेंगे।
रिपोर्ट्स के अनुसार अत्याधुनिक चिनूक सीएच-47 हेलीकॉप्टर का वजन करीब 10 टन है। भारी समान ढोने में सक्षम इस हेलीकॉप्टर से भारी मात्रा में हथियारों और गोला-बारूद को ले जा सकता है। चिनूक हेलीकॉप्टर के जरिए दुर्गम इलाकों में भी हथियार और गोला-बारूद पहुंचाया जा सकता है। ये 20 हजार किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है और राहत और बचाव अभियानों में मददगार साबित होगा। ये हेलीकॉप्टर 11 हजार किलो तक के हथियार और सैनिकों को आसानी से उठाने में सक्षम, साथ ही ऊंचाइयों पर भी उड़ान भरने वाला अत्याधुनिक चिनूक हेलिकॉप्टर एंडवांस्ड मल्टी मिशन हेलीकॉप्टर है, जो वायुसेना को सामरिक रूप से मजबूत बनाएगा। इससे हैवी लिफ्ट की क्षमता मिलेगी। इसके जरिए भारी से भारी सैन्य जरूरतों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में आसानी होगी।