आयरिश लेखिका एना बर्न्स को मिला मैन बुकर पुरस्कार

आयरिश लेखिका एना बर्न्स को उनकी किताब मिल्कमैन के लिए 50वां मैन बुकर पुरस्कार मंगलवार को दिया गया। बेलफास्ट में पैदा हुई एना बर्न्स ने यह किताब अपने उत्तरी आयरलैंड में रहने के अपने अनुभव पर लिखी है। यह किताब एक युवती की कहानी है, जो एक ताकतवर व्यक्ति के हाथों शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित होती है। मिल्कमैन के अतिरिक्त वाशिंगटन ब्लैक, एवरीथिंग अंडर, मार्स रूम, द ओवर स्टोरी और द लॉन्ग टेक आदि किताबें भी पुरस्कार की दौड़ में थीं।
पुरस्कार के लिए एना बर्न्स की किताब का चयन करने वाले जजों ने कहा कि एना बर्न्स ने अपनी इस किताब में डार्क ह्यूमर का बेहतरीन प्रयोग किया है। लेखक, दार्शनिक और जज में से एक क्वाम एंथोनी एपियाह ने कहा कि हम सबमें से किसी ने भी इस तरह का कुछ भी नहीं पढ़ा था। उन्होंने कहा कि एना बर्न की इस किताब में क्रूरता व यौन शोषण को ह्यूमर के साथ प्रस्तुत किया गया है। 56 वर्षीय एना आइरिश लेखिका हैं। वह 1987 में लंदन में रहने लगी थीं। उनकी पहली किताब नो बोंस थी। उनके बाकी उपन्यासों में लिटिल कंस्ट्रक्शंस और मोस्टली हीरोज हैं। पाठकों के बीच वह अपनी अद्भुत लेखन शैली के लिए जानी जाती हैं। यह पुरस्कार जीतने वाली वह पहली उत्तरी आइरिश लेखिका हैं।