आशाएं ऐसी हों जो- अर्श लखनवी

आशाएं ऐसी हों जो
मंज़िल तक हमें ले जाए

मंज़िल ऐसी हो जो
जीवन की राह सिखा जाए,

जीवन ऐसा हो अपना
कद्र करे संबंधों की सदा,

संबंध बने ऐसे मजबूत
यादों से न हो कभी जुदा,

याद भी प्रेम से हो युक्त
सुखों का भंडार समेटे हुए,

वो सुख बरसे मेघ बन
दुनिया में खुशी लुटाते हुए,

दुनिया के रैन बसेरे में
न जाने कब तक रहना हमें

जीत दिल सबका अर्श
जिंदादिली की मिसाल बने

-अर्श लखनवी
(सौजन्य साहित्य किरण मंच)