कांग्रेस जारी किया अपना घोषणा पत्र, किये पांच बड़े वादे

आज कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र को ‘जन आवाज’ नाम दिया है। घोषणापत्र की लॉन्चिंग के मौके पर मंच पर राहुल गांधी, प्रिंयका गांधी, मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, समेत कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता मौजूद रहे। घोषणा पत्र की लॉन्चिंग के मौके पर राहुल गांधी ने कहा कि घोषणापत्र में पांच बड़े विचार हैं, पहला है बड़ा विचार है न्याय का विचार प्रधानमंत्री ने कहा कि सबके खाते में 15 लाख आएंगे, जो कि झूठ है। मैंने वहीं से बात पकड़ी और अपनी घोषणापत्र कमेटी से कहा कि मुझे ऐसा नंबर बताइए जो सरकार गरीबों के खाते में सीधे पैसा डाल सकती है। उन्होंने बताया कि 72000 सालाना, ये 72000 गरीबी पर वार है। एक साल में 72 हजार यानी 5 साल में 3.60 लाख रुपये। किसानों और गरीबों की जेब में सीधा पैसा जाएगा। उन्होंने बताया कि 22 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं। ये पद मार्च 2020 तक भरे जा सकते हैं। 10 लाख युवाओं को ग्राम पंचायत में रोजगार देगी। हम मनरेगा को 150 दिन गारंटीड करना चाहते हैं। हम मनरेगा के 100 दिन बढ़ाकर 150 करना चाहते हैं। इसके साथ ही अगर नए उद्योगों के लिए बना किसी इजाजत के अपना उद्योग शुरू कर सकते हैं। 3 साल के लिए देश के युवाओं को बिजनस खोलने के लिए किसी से कोई इजाजत नहीं लेनी होगी।
राहुल गांधी ने कहा कि राजस्थान, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब में हमने किसान का कर्जा माफ़ किया। जैसे रेलवे का बजट होता है वैसे ही हमारा मानना है कि किसान बजट अलग होना चाहिए। देश के किसान को मालूम होना चाहिए कि उसको कितना पैसा मिल रहा है, उसकी एमएसपी कितनी बढ़ाई जा रही है। घोषणापत्र में हमने निर्णय लिया है कि किसान अगर कर्जा न दे पाए तो वह आपराधिक नहीं बल्कि सिविल मामला हो। राहुल गांधी ने कहा कि जीडीपी का 6 प्रतिशत पैसा देश की शिक्षा व्यवस्था में दिया जाएगा। गरीब से गरीब व्यक्ति को सबसे बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले इसकी भी व्यवस्था की जाएगी। पूर्व वित्त मंत्री और घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष पी चिदंबरम ने कहा कि घोषणापत्र में करोड़ों लोगों की आवाज को शामिल किया गया है। जब ये घोषणापत्र में किसान, युवा, महिला, दलित, अल्पसंख्यक, उद्योगों, शिक्षा, स्वास्थ्य, आंतरिक और बाह्य सुरक्षा, विदेश नीति, नॉर्थ ईस्ट और कश्मीर के लिए नीतियों समेत कई विषयों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि आज बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। दो करोड़ लोगों को हर साल नौकरी देने का वादा किया गया लेकिन सच्चाई है कि चार करोड़ सत्तर लाख लोगों ने अपीन नौकरी खो दी।