कोई हो रहा है, फ़िदा शायरी पर
कोई दिल बिछाये, मेरी सादगी पर

हो किस्मत में जिसकी ये नूरे-तबस्सुम
भला दिल जलाये वो क्यूँ रौशनी पर

मुसाफ़िर हूँ मैं एक दिल के सफर की
कहो जां ये दे दूँ, तुम्हारी हँसी पर

जो तुम साथ हो साथ आलम है सारा
करे रश्क़ दुनिया मेरी ज़िन्दगी पर

न छोड़ोगे तुम हाथ मेरा कभी भी
है विश्वास मुझको मेरी बंदिगी पर

तेरे नूर से बज़्म रौशन है सारी
तरस आ रहा है मुझे चाँदनी पर

ग़ज़ल कह रही हूँ मैं सजदे में तेरे
हँसे है ये दुनियाँ मेरी बेख़ुदी पर

मुहोब्बत हुई मुझको तुझसे ए मौला
मिटा देगी हस्ती ये सन्दल तुझी पर

-प्रिया सिन्हा सन्दल