भगवान सूर्य की आराधना का पर्व है मकर संक्रांति

मकर संक्रांति यानि सूर्य देव की उपासना का पर्व, सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रांति कहते हैं। इस बार मकर संक्रांति आज 15 जनवरी को पूरे देश में धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाई जा रही है। मकर संक्रांति को देश के विभिन्न क्षेत्रों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जो भी हो मकर संक्रांति का पर्व उमंग, हर्ष, उत्साह और हमारी संस्कृति का प्रतीक है। मकर संक्रांति पर सूर्यदेव दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं। इससे रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं। वहीं इस दिन से मांगलिक और शुभ कार्य शुरू होते हैं।
मकर संक्रांति के दिन नदियों, सरोवरों तथा समुद्र के किनारे मेले-मढ़ई का आयोजन होता है। लोग पवित्र स्नान कर सूर्य देव को अर्ध्य अर्पित कर सूर्योपासना करता हैं और खिचड़ी और तिल के व्यंजनों का सेवन करते हैं। इस दिन विभिन्न स्थानों में पतंग महोत्सव भी मनाया जाता है। मकर संक्रांति के दिन दान का विशेष महत्व है। इस दिन दान में आटा, दाल, चावल, खिचड़ी और तिल के लड्डू विशेष रूप से लोगों को दिए जाते हैं।