भारतीय वायुसेना में शामिल हुए अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्‍टर

भारतीय वायुसेना ने आज वायुसेना स्‍टेशन पठानकोट में एक समारोह में एएच-64ई अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्‍टर को अपने बेड़े में शामिल किया। समारोह में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ पीवीएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, वीएम, एडीसी, चीफ ऑफ स्‍टाफ कमेटी के अध्‍यक्ष मुख्‍य अतिथि थे।
इस अवसर पर एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा कि एमआई-35 बेड़े के स्‍थान पर अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्‍टरों की खरीदारी की जा रही है। एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलोंपर निशाना साधने और भूलने, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, रॉकेटों तथा अन्‍य हथियारों पर निशाना साधने के अतिरिक्‍त अपाचे हेलीकॉप्‍टर में आधुनिक ईडब्‍ल्‍यू क्षमताएं हैं, जो नेटवर्क केन्द्रित वायु युद्ध में हेलिकॉप्‍टर को विविधताएं प्रदान करेंगी। अपाचे हेलिकॉप्‍टरविश्‍व भर में ऐतिहासिक कार्रवाइयों का अभिन्‍न हिस्‍सा रहे हैं। इन हेलिकॉप्‍टरों को भारतीय वायुसेना के मांग के अनुरूप बनाया गया है। मुझे खुशी है कि 8 हेलिकॉप्‍टर समय पर दिए गए हैं।
भारतीय सेना ने 22 अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्‍टरों के लिए बोइंग कंपनी और अमेरिका की सरकार के साथ अनुबंध पर हस्‍ताक्षर किए हैं। 8 हेलिकॉप्‍टर समय पर भारत को दे दिए गए हैं और हेलिकॉप्‍टर की अंतिम खैप मार्च 2022 तक दी जाएगी। इन हेलिकॉप्‍टरों की तैनाती भारत के पश्चिमी क्षेत्रों में होगी।
यह हेलिकॉप्‍टर अनेक हथियारों की डिलीवरी में सक्षम है। इनमें हवा से जमीन में मार करने वाले हेलफायर मिसाइल, 17 एमएम हाइड्रा रॉकेट और हवा से हवा में मार करने वाली स्टिंगर मिसाइल शामिल है। अपाचे हेलिकॉप्‍टर में क्षेत्र हथियार उपप्रणाली के हिस्‍से के रूप में 1200 राउंड के साथ 30 एमएम चेकगन है। हेलिकॉप्‍टर फायर कंट्रोल राडार है, जो 360 डिग्री का कवरेज प्रदान करता है और इसमें नाइट विजन प्रणाली भी है।
वायुसेना के बेड़े में अपाचे हेलिकॉप्‍टर को शामिल किए जाना भारतीय वायुसेना के बेडे के आधुनिकीकरण की दिशा में महत्‍वपूर्ण कदम है। इसकी खरीद से भारतीय वायुसेनाकी क्षमता बढ़ेगी और इससे भारतीय सेना को एकीकृत लड़ाकू विमान प्राप्‍त होगा। यह दिन-रात और सभी मौसम में काम करने में सक्षम है और युद्ध नुकसान की स्थिति सहन करने में सक्षम है। यह हेलिकॉप्‍टर रख-रखाव में भी आसान है तथा उष्‍णकटिबंधी तथा रेगिस्‍तानी क्षेत्रों में संचालन में सक्षम है।