भारत अपने अंदरूनी मामलों में किसी भी तरह का बाहरी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेगा- उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आज कहा कि भारत अपने अंदरूनी मामलों में किसी भी तरह का बाहरी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने जोर दिया कि भारत की सुरक्षा, रक्षा और अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता। इंडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित कौटिल्य फेलोज़ प्रोग्राम (केएफपी) के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए श्री नायडू ने कहा कि जम्मू और कश्मीर राज्य के दो केन्द्रशासित प्रदेशों- जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख के रूप में पुनर्गठन किए जाने का मकसद है कि क्षेत्र के विकास में तेजी लाई जाए।
उन्होंने कहा कि भारत वसुधैव कुटुम्बकम् के दर्शन में विश्वास करता है और पूरे विश्व को परिवार मानता है। उन्होंने कहा कि भारत ज्ञान और मेधा को साझा करने में विश्वास करता है और इसी आदर्श के तहत वह अपने संवाद और लोकसंपर्क को दिशा देता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि यही दर्शन अन्य देशों के साथ भारत के संबंधों को दिशा देता है। आतंकवाद को बढ़ावा देने और उसका वित्त पोषण करने में भारत के एक पड़ोसी देश के प्रयासों के प्रति खेद व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की भावना पर विश्वास करता है। भारत कभी आक्रांता देश नहीं रहा और उसने कभी अन्य देशों पर हमला नहीं किया है।