भारत को संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष मानवाधिकार संस्था में तीन साल के लिए सदस्य चुन लिया गया है। भारत को एशिया-प्रशांत श्रेणी में सबसे ज्यादा 188 वोट मिले हैं। ये भारत की संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में बड़ी और महत्वपूर्ण जीत है, क्योंकि इस जीत से भारत लगातार दो कार्यकाल के लिए इस संस्था का सदस्य बन गया है। संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के नये सदस्यों के लिए चुनाव किया। गुप्त मतदान के जरिए कुल 18 नये सदस्य चुने गए हैं। भारत को सबसे ज्यादा वोट देकर परिषद का सदस्य चुना। बता दें कि परिषद में चुने जाने के लिए किसी भी देश को कम से कम 97 वोटों की जरूरत होती है।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र से मानवाधिकार परिषद में कुल पांच सीटें हैं जिनके लिए भारत के अलावा बहरीन, बांग्लादेश, फिजी और फिलीपीन ने अपना नामांकन भरा था। 5 सीटों के लिए 5 ही दावेदारों के होने से सभी का निर्विरोध निर्वाचन लगभग तय था।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में एशिया-प्रशांत क्षेत्र की पांच सीटों के लिए बहरीन, बांग्लादेश, फिजी, भारत और फिलीपीन दावा पेश किया था। नये सदस्यों का कार्यकाल 1 जनवरी 2019 से शुरू होकर तीन साल तक चलेगा। इसके पहले भारत 2011 से 2014 और 2014 से 2017 तक दो बार मानवाधिकार परिषद का सदस्य रह चुका है।