हसरतें भारी है- नीतू ठाकुर

हर लड़की हसीन लगती दिल को प्यारी है
क्योंकि वो किसी और की जिम्मेदारी है

मोहब्बत भी करते है तो हैसियत देख कर
अब मोहब्बत अंधी नहीं उसमे भी होशियारी है

उसकी आँखों में ना जाने कितने ही टूटे ख्वाब थे
क्योंकि उस बेचारी को गरीबी की बीमारी है

उजाड़ जाते है आशियाँ दिल्लगी के खेल में
आज कल ज़मीर पर हसरतें भारी है

मोहब्बत करना तो सोच समझकर करना
दिल अगर टूटा तो ये खता तुम्हारी है

अब नहीं देते नसीहत नवजवाँ को वालिदैन,
क्योंकि उन्हें अपनी इज्जत बहुत प्यारी है

जाने किस खुमार में जी रही है ये नस्ल
सोचती है कदमों में दुनिया हमारी है

जो भी कहती है सच ही कहती है
हकीकत है जबान कड़वी हमारी है

-नीतू ठाकुर