हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं- प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से देशवासियों संवाद किया। उन्होंने कहा कि यह इस वर्ष का भी पहला कार्यक्रम है और इस दशक का भी यह पहला कार्यक्रम है। इस बार गणतंत्र दिवस समारोह की वजह से आपसे मन की बात, उसके समय में परिवर्तन करना, उचित लगा और इसीलिए, एक अलग समय तय करके आज आपसे मन की बात कर रहा हूँ। आज 26 जनवरी है, गणतंत्र पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनायें।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश और समाज के लिए कुछ कर गुजरने की भावना, हर दिन, पहले से अधिक मजबूत होती जाती है। दिन बदलते हैं, हफ्ते बदल जाते हैं, महीने भी बदलते हैं, साल बदल जाते हैं, लेकिन भारत के लोगों का उत्साह और हम भी कुछ कम नहीं हैं, हम भी कुछ करके रहेंगे का भाव, संकल्प बनता हुआ उभर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जल संरक्षण के लिए कई व्यापक और इन्नोवेटिव प्रयास देश के हर कोने में चल रहे हैं। मुझे यह कहते हुए बहुत ख़ुशी हो रही है कि पिछले मानसून के समय शुरू किया गया ये जल-शक्ति अभियान जन-भागीदारी से अत्यधिक सफलता की ओर आगे बढ़ रहा है। बड़ी संख्या में तालाबों, पोखरों आदि का निर्माण किया गया। सबसे बड़ी बात ये है कि इस अभियान में समाज के हर तबके के लोगों ने अपना योगदान दिया। उन्होंने कहा कि परीक्षा का सीजन आ चुका है, तो जाहिर है सभी विद्यार्थी अपनी-अपनी तैयारियों को आखिरी शेप देने में जुटे होंगे। देश के करोड़ो विद्यार्थी साथियों के साथ परीक्षा पे चर्चा के अनुभव के बाद मैं विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि देश का युवा आत्म-विश्वास से भरा हुआ है और हर चुनौती के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं करती। दुनिया की किसी भी समस्या का हल, कोई दूसरी समस्या पैदा करने से नहीं, बल्कि अधिक-से-अधिक समाधान ढूँढकर ही हो सकता है। आइये, हम सब मिल कर,एक ऐसे नए भारत के निर्माण में जुट जाएँ, जहाँ शांति हर सवाल के जवाब का आधार हो। एकजुटता हर समस्या के समाधान के प्रयास में हो और भाईचारा, हर विभाजन और बंटवारे की कोशिश को नाकाम करें। उन्होंने कहा कि आज गणतंत्र-दिवस के पावन अवसर पर मुझे गगनयान के बारे में बताते हुए अपार हर्ष हो रहा है। देश उस दिशा में एक और कदम आगे बढ़ चला है। 2022 में, हमारी आज़ादी के 75 साल पूरे होने वाले हैं और उस मौक़े पर हमें गगनयान मिशन के साथ एक भारतवासी को अन्तरिक्ष में ले जाने के अपने संकल्प को सिद्ध करना है। गगनयान मिशन 21वीं सदी में साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत की एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगा। नए भारत के लिए, ये एक मील का पत्थर साबित होगा। आपको पता ही होगा इस मिशन में अंतरिक्ष यात्री के लिए 4 उम्मीदवारों का चयन कर लिया गया है। ये चारों युवा भारतीय वायु-सेना के पायलट हैं, ये होनहार युवा, भारत के कौशल, प्रतिभा, क्षमता, साहस और सपनों के प्रतीक हैं। हमारे चारों मित्र, अगले कुछ ही दिनों ट्रेनिंग के लिए रूस जाने वाले हैं। मुझे विश्वास है, कि ये भारत और रूस के बीच मैत्री और सहयोग का एक और सुनहरा अध्याय बनेगा। इन्हें एक साल से अधिक समय तक प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके बाद देश की आशाओं और आकांक्षाओं की उड़ान को अंतरिक्ष तक ले जाने का दारोमदार इन्हीं में से किसी एक पर होगा। आज गणतंत्र दिवस के शुभ-अवसर पर इन चारों युवाओं और इस मिशन से जुड़े भारत और रूस के वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों को मैं बधाई देता हूँ।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत अपनी इन महान विभूतियों को लेकर गर्व की अनुभूति करता है। जमीन से जुड़े लोगों को सम्मानित कर गौरवान्वित महसूस करता है। हर वर्ष की भाँति, कल शाम को पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई है। मेरा आग्रह है कि आप सब इन लोगों के बारे में ज़रूर पढें। इनके योगदान के बारे में, परिवार में चर्चा करें। 2020 के पद्म-पुरस्कारों के लिए, इस साल 46 हज़ार से अधिक नामांकन प्राप्त हुए हैं। ये संख्या 2014 के मुक़ाबले 20 गुना से भी अधिक है। यह आँकड़े जन-जन के इस विश्वास को दर्शाते हैं कि पद्म-अवार्ड, अब पीपल अवार्ड बन चुका है। आज पद्म- पुरस्कारों की सारी प्रक्रिया ऑनलाइन है। पहले जो निर्णय सीमित लोगों के बीच होते थे वो आज, पूरी तरह से पीपल ड्राइवेन है। एक प्रकार से कहें तो पद्म-पुरस्कारों को लेकर देश में एक नया विश्वास और सम्मान पैदा हुआ है। अब सम्मान पाने वालों में से कई लोग ऐसे होते हैं जो परिश्रम की पराकाष्ठा कर ज़मीन से उठे हैं। सीमित संसाधन की बाधाओं और अपने आस-पास की घनघोर निराशा को तोड़कर आगे बढ़े हैं। दरअसल उनकी मजबूत इच्छाशक्ति सेवा की भावना और निस्वार्थ-भाव, हम सभी को प्रेरित करता है। मैं एक बार फिर सभी पद्म-पुरस्कार विजेताओं को बधाई देता हूँ और आप सभी से उनके बारे में पढ़ने के लिए, अधिक जानकारी जुटाने के लिए विशेष आग्रह करता हूँ। उनके जीवन की असाधारण कहानियाँ, समाज को सही मायने में प्रेरित करेंगी। उन्होंने कहा कि फिर एक बार गणतंत्र-पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनाएँ। यह पूरा दशक, आपके जीवन में, भारत के जीवन में, नए संकल्पों वाला बने, नई सिद्धि वाला बने और विश्व, भारत से जो अपेक्षा करता है, उस अपेक्षाओं को पूर्ण करने का सामर्थ्य, भारत प्राप्त करके रहे। इसी एक विश्वास के साथ आइये- नए दशक की शुरुआत करते हैं। नए संकल्पों के साथ, माँ भारती के लिए जुट जाते है।