जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए सभी राज्यों ने चुना पहला विकल्प

एकमात्र शेष बचे राज्य झारखंड ने भी अब पहले विकल्प के लिए अपनी स्वीकृति दे दी है।

देश के सभी 28 राज्यों और विधान सभा वाले 3 केंद्र शासित प्रदेशों ने जीएसटी कार्यान्वयन के कारण राजस्व में गिरावट को पूरा करने के लिए पहला विकल्प चुना है।

एकमात्र शेष बचे राज्य झारखंड ने भी अब पहले विकल्प के लिए अपनी स्वीकृति दे दी है। विधान सभा वाले सभी 3 केंद्र शासित प्रदेश जीएसटी परिषद के सदस्य हैं और वे पहले विकल्प के पक्ष में निर्णय पहले ही कर चुके हैं।

भारत सरकार ने उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एक विशेष उधारी योजना शुरू की है, जिन्होंने जीएसटी कार्यान्वयन के कारण राजस्व में होने वाली कमी को पूरा करने के लिए विकल्प-1 के तहत उधारी लेने का विकल्प चुना है।

यह योजना 23 अक्टूबर से प्रभावी हो चुकी है और भारत सरकार राज्यों की ओर से पांच किस्तों में 30,000 करोड़ रुपये पहले ही जुटाकर उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेज कर चुकी है।

जिन्होंने विकल्प-1 को चुना है। अब झारखंड राज्य को भी अगले दौर से इस योजना के तहत जुटाई गई रकम में से उधारी मिलना शुरू हो जाएगी। राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को 6,000 करोड़ रुपये की अगली किस्त 7 दिसंबर को जारी की जाएगी।

विकल्प-1 की शर्तों के अनुसार, जीएसटी कार्यान्वयन के कारण पैदा होने वाली राजस्व में कमी को पूरा करने के लिए एक विशेष उधारी योजना की सुविधा के अलावा इसी साल 17 मई को राज्यों को भारत सरकार के आत्‍मनिर्भर अभियान के तहत अतिरिक्त 2 प्रतिशत उधारी लेने की अनुमति दी गई है।