IRDA का बड़ा निर्णय: कैशलेस ट्रीटमेंट क्लेम पर 60 मिनट के अंदर करना होगा फैसला

Cashless treatment claim will have to be decided within 60 minutes

इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने कोरोना संक्रमित मरीज के कैशलेस उपचार के लिये बड़ा निर्णय लेते हुये इंश्योरेंस कंपनियों से कहा है कि कोविड-19 कैशलेस ट्रीटमेंट क्लेम पर फाइनल बिल बनने के बाद 60 मिनट के अंदर फैसला ले लिया जाए।

इरडा का कहना है कि तेजी से क्लेम सेटलमेंट किये जाने से मरीजों के डिस्चार्ज में देरी नहीं होगी और अस्पताल में बेड का इंतजार कर रहे दूसरे मरीजों को जल्द से जल्द बेड उपलब्ध हो सकेगा। सभी जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों से कहा गया है कि सारी प्रक्रिया पूरी होने और रसीद दिए जाने के बाद कंपनी 60 मिनट के अंदर क्लेम को मंजूर करने या नामंजूर करने की जानकारी नेटवर्क अस्पताल को दें। साथ ही क्लेम को मंजूर या नामंजूर करने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि मरीजों को बेड के लिए ज्यादा इंतजार ना करना पड़े।

इरडा की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि इंश्योरेंस कंपनियां टाइमलाइन का विशेष रूप से पालन करें। कंपनियां क्लेम की प्रोसेस में तेजी लाएं और जल्द से जल्द फैसला लें। ताकि मरीजों को डिस्चार्ज होने में कोई समस्या ना हो। इरडा ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे अपने संबंधित थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर को भी टाइमलाइन का विशेष ध्यान रखने को कहें।

वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इरडा ने ये निर्देश दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा 28 अप्रैल को दिये गये आदेश के बाद दिये, जिसमें कहा गया है कि इंश्योरेंस कंपनियां कोरोना मरीजों के अस्पताल खर्च के बिल का क्लेम मंजूर करने में 6-7 घंटे का समय नहीं लगा सकती हैं। इससे मरीजों को डिस्चार्ज करने में देरी हो रही है। हाईकोर्ट ने कहा था कि इंश्योरेंस कंपनियां 30 से 60 मिनट के अंदर क्लेम पर लिए फैसले की जानकारी दें। जस्टिस प्रतिभा सिंह ने कहा था कि यदि किसी मामले में इंश्योरेंस कंपनी या थर्ड पार्टी क्लेम प्रोसेस में 6-7 घंटे का समय लगाती है तो उन पर अवमानना के तहत कार्रवाई होगी। हाईकोटज़् ने इरडा को इस पर निर्देश जारी करने को कहा था।