देवशयनी एकादशी का व्रत प्रदान करता है कई हजार यज्ञों के बराबर फल

सनातन संस्कृति में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार यूं तो वर्ष में 24 एकादशियां आती हैं और हर एकादशी का अपना एक विशेष महत्व है। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी कहा जाता है।

देवशयनी एकादशी का व्रत करने से कई हज़ार यज्ञ के समान फलों की प्राप्ति भी होती है। इसलिए भी इस दिन विधि-विधान अनुसार व्रत करने से जातक अपनी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करते हुए, अपने सभी पापों से मुक्ति भी पा लेता है।

शास्त्रों के अनुसार देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू होता है। इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं। आषाढ़ मास में भगवान विष्णु की पूजा को विशेष पुण्य बताया गया है।

हिन्दू पंचांग के अनुसार 19 जुलाई 2021, सोमवार से आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ होगा। एकादशी का व्रत 20 जुलाई 2021 मंगलवार को रखा जाएगा।

वहीं पंचांग के अनुसार चातुर्मास का आरंभ इस वर्ष 20 जुलाई से होगा और समापन 14 नवंबर को होगा। चातुर्मास में शुभ और मांगलिक कार्य विवाह, मुंडन आदि नहीं किए जाते हैं।

देवशयनी एकादशी तिथि प्रारम्भ 19 जुलाई को रात 9:59 बजे होगा। जबकि 20 जुलाई को शाम 7:17 बजे एकादशी का समापन होगा। वहीं एकादशी व्रत का पारण 21 जुलाई को सुबह 5:36 बजे से सुबह 8:21 बजे तक किया जाएगा।