एमपी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटा निर्वाचन आयोग, मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्य शुरू

इस साल के अंतिम महीनों में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं, वहीं चुनाव आयोग भी अपनी तैयारियों में जुट गया है। प्रदेश में मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्य शुरू होने से पहले प्रदेश में प्री-रिवीजन गतिविधियां कराई जा रही है। प्रदेश में निर्वाचन आयोग आपके द्वार अभियान चलाया जा रहा है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश अनुपम राजन ने बताया कि 17 अप्रैल से अभियान की शुरुआत हो चुकी है। यह 16 मई तक चलेगा। 

इस बीच निर्वाचक नामावली में नए नाम जोड़ने, मृतकों के नाम हटाने और संशोधन की कार्रवाई की जाएगी। बीएलओ अपने मतदान केंद्र अंगर्तत आने वाले मतदाताओं के घर जाकर सर्वे करेंगे। मतदाता सूची में एक ही नाम के कई मतदाताओं के नाम होते हैं। ऐसे मतदाताओं को अभियान के दौरान पहले से ही चिन्हांकित किया जा रहा है। सभी बीएलओ अपने अपने मतदान केंद्र अंतर्गत आने वाले सार्वजनिक स्थान पर चौपाल लगाकर मतदाता सूची का वाचन करेंगे।

एक ही नाम के कई व्यक्ति मिलने पर उनकी पहचान कर, उनका आधार नंबर एकत्र करेंगे, ताकि दोहरी प्रवृष्टि वाले मतदाताओं का नाम एक स्थान से हटाया जा सकें। जिन मतदाताओं के नाम के आगे सरनेम नहीं लिखा है, उसमें भी सुधार किया जाएगा। इसके अलावा निर्वाचक नामावली से मृत मतदाताओं का नाम हटाने की कार्रवाई की जाएगी। मतदाता सूची में दर्ज पुरानी ब्लैक एडं व्हाइट फोटो को रंगीन फोटो में बदलने का कार्य किया जाएगा।

एक मतदान केंद्र पर न हो 1500 से अधिक मतदाताओं की संख्या

एक मतदान केंद्र पर 1500 से अधिक मतदाताओं की संख्या न हो। इसके अलावा यदि किसी मतदान केंद्र भवन की स्थिति जर्जर है और वहां पर कोई नया भवन बना है तो उसकी भी जानकारी उपलब्ध कराएं, ताकि पुराने मतदान केंद्र भवन को परिवर्तित कर नए भवन को मतदान केंद्र बनाएं जाने की कार्यवाही की जा सके। मतदाताओं को मतदान के दौरान कोई असुविधा न हो, इसका विशेष ख्याल रखा जाए।

2 किमी की दूरी पर न हो मतदान केंद्र

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने समस्त कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को 2 किमी से अधिक की दूरी पर मतदान केंद्र नहीं होने, एक परिवार का नाम एक ही मतदान केंद्र पर होने, बीएलओ एप के माध्यम से मतदान केंद्र की फोटो अपलोड करने और कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को सत्यापन का प्रमाण पत्र देने के निर्देश दिए हैं।