Sunday, March 16, 2025

हाथी की मौत मामले में रेलवे के लोको पायलट एवं सहायक लोको पायलट के खिलाफ कार्रवाई पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक

नैनीताल (हि.स.)। हाई कोर्ट ने हाथी की मौत के मामले में रेलवे के लोको पायलट और सहायक लोको पायलट के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी है। सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है।

उत्तराखंड हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार घटना 27 मई 2018 की है लालकुआं से पंतनगर की ओर जा रही रेलगाड़ी के इंजन से टकराकर केन्द्रीय तराई वन प्रभाग के गंगापुर पाटिया के पास एक मादा हाथी की मौके पर मौत हो गई थी।

हाथी का शव रेल इंजन के साथ घिसटकर 36 मीटर दूर चला गया था। फारेस्ट गार्ड हरीश बिष्ट की ओर से हाथी की मौत की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। उप प्रभागीय वनाधिकारी उमेश चंद्र तिवारी (किच्छा) को प्रकरण की जांच सौंपी गयी। जांच रिपोर्ट आने के बाद वन विभाग की ओर से 22 फरवरी 2024 को लोको पायलट और सहायक लोको पायलट के खिलाफ भारतीय वन संरक्षण अधिनियम के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया।

लोको पायलट राजेश कुमार की ओर से वन विभाग के इस कदम को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। पीठ ने दोनों पायलट के खिलाफ कार्रवाई पर अग्रिम सुनवाई तक रोक लगा दी। साथ ही सरकार से जवाब देने को कहा है।

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