वायुसेना के लिये एचएएल ने अगले 8 साल में करेगा 83 लड़ाकू विमान तेजस की डिलीवरी

एयरो इंडिया 2021 समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में 83 हल्के लड़ाकू विमान तेजस के लिए अनुबंध हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को सौंपा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति ने 13 जनवरी को 1,202 करोड़ रुपये के डिजाइन व डेवलपमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर सैंक्शंस के साथ 45,696 करोड़ रुपयों की लागत पर 73 एलसीए तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमान और 10 एलसीए तेजस एमके-1 प्रशिक्षण विमानों की खरीद को मंजूरी दी थी। इस अनुबंध का मूल्य लगभग 48,000 करोड़ रुपये है।

यह स्वदेशी निर्माण के लिए अब तक का सबसे बड़ा रक्षा अनुबंध है। यह महत्वपूर्ण कदम राष्ट्र में स्वदेशी लड़ाकू विमान की क्षमता को प्रोत्साहन देता है। बड़ी संख्या में अन्तर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय हिस्सेदारों की मौजूदगी में एयरो इंडिया 2021 में तेजस प्लैटफार्म का शानदार प्रदर्शन किया गया।

सभी 83 विमानों की डिलीवरी 8 साल में कर दी जाएगी। एचएएल पहले 3 विमानों की डिलीवरी तीसरे साल में करेगा और अगले 5 साल तक प्रत्येक साल 16 विमानों की डिलीवरी करेगा। भारतीय वायुसेना को विमानों की समय से आपूर्ति सुनिश्चित करने और उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिएरक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2 फरवरी को दूसरे प्रोडक्शन फैसिलिटी का उद्घाटन किया था।

भारतीय वायुसेना में हल्के लड़ाकू विमान तेजस एमके-1ए के शामिल होने से परिचालन क्षमताओं में वृद्धि होगी और विमान की शक्ति में सुधार होगा। हल्के लड़ाकू विमान एमके-1ए का यह प्रकार आधुनिक 4+ पीढ़ी के लड़ाकू विमान का स्वेदशी डिजाइन, विकसित और निर्मित रूप है।

यह विमान इलेक्ट्रॉनिक रूप से सक्रिय स्कैन ऐरे रडार, बियॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सुइट और हवा से हवा में रिफ्यूलिंग जैसी महत्वपूर्ण संचालन क्षमताओं से सुसज्जित है, जो कि भारतीय वायुसेना के संचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रभावी होगा।

यह लड़ाकू विमान स्वदेशी डिजाइन द्वारा विकसित और निर्मित श्रेणी की पहली खरीद है। जिसमें 50 प्रतिशत सामग्री स्वदेशी होगी जो कि इस कार्यक्रम के अंत तक 60 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी और एयरक्राफ्ट में लगे 344 में से लगभग 250 सिस्टम स्वदेशी होंगे।

इस खरीद में एचएएल के साथ लगभग 500 भारतीय कंपनियां काम करेंगी जिसमें डिजाइन और निर्माण में एमएसएमई भी शामिल होगी। इनमें से कुछ कंपनियों ने एयरो इंडिया 2021 में अपने सिस्टम का प्रदर्शन भी किया।