कोरोना काल में सेवानिवृत्त होने वाली केन्द्रीय कर्मचारियों को मोदी सरकार ने दी सौगात

कोरोना काल में सेवानिवृत्त होने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को मोदी सरकार ने सौगात दी है। भारत में फैले कोविड-19 महामारी की वजह से भले सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारियों की पेंशन प्रक्रिया शुरू होने में देर हो रही हो, लेकिन इस कोरोना काल में उन्हें जल्द ही सेवानिवृत्ति का आंशिक लाभ मिलने जा रहा है।

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अधीनस्थ पेंशन और पेंशनर्स कल्याण विभाग की ओर से इस कोरोना काल में सीसीएस (पेंशन) अधिनियम-1972 के नियम 64 के तहत सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारियों को आंशिक लाभ देने को लेकर एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया गया है।

विभाग की ओर से जारी कार्यालय ज्ञापन में इस बात का जिक्र किया गया है कि एक केंद्रीय कर्मचारी को अपने पेंशन फॉर्म (फॉर्म 5, फॉर्म 3 आदि) को अपने कार्यालय प्रमुख (हेड ऑफ डिपार्टमेंट) के पास जमा करने में कठिनाई हो सकती है या कार्यालय प्रमुख पेंशन से संबंधित वेतन और लेखा कार्यालय को समय पर सेवा पुस्तिका की हार्ड कॉपी में दावा प्रपत्र को अग्रसारित करने में असमर्थ हो सकता है। खासकर तब जब दोनों कार्यालय अलग-अलग शहरों में हों या फिर ऐसे मामले भी हो सकते हैं, जहां वेतन और लेखा कार्यालय सरकारी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति से पहले पेंशन के प्राधिकरण के लिए मामले को संसाधित करने में सक्षम नहीं है।

ज्ञापन में इस बात का भी निर्देश दिया गया है कि जहां तक नियम 64 के प्रावधानों में परिवर्तन की बात है, तो कोविड-19 के प्रकोप की वजह से कार्यालयों में काम प्रभावित होने तक लागू रहेंगे। सामान्य स्थिति बहाल होने के बाद विभाग द्वारा निर्देशों की समीक्षा की जाएगी। सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 के नियम 64 के प्रावधान तब तक के लिए प्रभावी नहीं रहेंगे।

सीसीएस (पेंशन) अधिनियम-1972 के नियम 64 में उन मामलों में अनंतिम पेंशन और अनंतिम ग्रेच्युटी को मंजूरी देने का प्रावधान है, जब एक सरकारी कर्मचारी अपनी पेंशन और ग्रेच्युटी को अंतिम रूप देने से पहले रिटायर हो जाता है। यह आदेश इस बात को भी सुनिश्चित करता है कि पेंशन लाभ निधाज़्रित होने के बाद सरकारी कर्मचारी के रिटायर होने के बाद उसे समय पर पेंशन और रिटायरमेंट ग्रेच्यूटी का लाभ देने के लिए कार्यालय प्रमुख कार्यालय में मौजूद रिकॉर्ड के आधार पर आंशिक पेंशन और आंशिक ग्रेच्यूटी का लाभ देने की मंजूरी देने की कार्रवाई कर सकते हैं।

इसके साथ ही आंशिक पेंशन और ग्रेच्यूटी को उन परिस्थितियों में भी मंजूरी दी जा सकती है, जब रिटायर होने वाला सरकारी कर्मचारी किसी भी वजह से अपना पेंशन दावा फार्म जमा कराने में सक्षम नहीं है। ऐसे मामलों में जब कर्मचारी के सेवाकाल को सत्यापित करना संभव नहीं है, तो रिटायमेंट की तारीख के पहले उसके द्वारा दी गयी सेवा को आगे बढ़ाते हुए आंशिक ग्रेच्यूटी को मंजूरी दी जा सकती है।

ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि वेतन और लेखा कार्यालय प्रमुख द्वारा अग्रसारित अंतिम परिलब्धियों और अर्हकारी सेवाकाल के विवरण के आधार पर मामले पर विचार कर आंशिक पेंशन और आंशिक ग्रेच्युटी को उसी तरह से जारी चाहिए जैसे कि स्थापना के समय वेतन और भत्ते का भुगतान किया जाता रहा है। वेतन और लेखा कार्यालय आंशिक पेंशन और ग्रेच्युटी की जारी करने की स्थिति में सेवा पुस्तिका सहित मामले के पूर्ण दस्तावेजों के लिए कार्यालय प्रमुख पर जोर नहीं डालेगा।

इतना ही नहीं, ऐसे मामलों में जहां आंशिक पेंशन की राशि बाद में अंतिम पेंशन की राशि से अधिक पायी जाती है, तो पेंशन की अतिरिक्त राशि को सीसीएस (पेंशन) अधिनियम-1972 के नियम 64 में बताए गए तरीके से समायोजित किया जा सकता है। स्वीकृत आंशिक पेंशन का भुगतान शुरू में सेवानिवृत्ति की तारीख से छह महीने से अधिक की अवधि के लिए जारी किया सकता है।

पीएओ की सहमति और विभाग के प्रमुख द्वारा अनुमोदन के बाद अनंतिम मामलों में आंशिक पेंशन की अवधि आगे बढ़ायी भी जा सकती है। हालांकि, आंशिक पेंशन की कुल अवधि किसी भी स्थिति में सेवानिवृत्ति की तारीख से एक साल से अधिक के लिए नहीं होगी।