अर्थव्यवस्था में संकट के बाद भी प्रत्यक्ष करों के संग्रह में 100 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि

Income tax

देश में अर्थव्यवस्था में आये संकट के बावजूद वित्त वर्ष 2021-22 में 15 जून तक प्रत्यक्ष करों का शुद्ध संग्रह 1,85,871 करोड़ रुपये का हुआ है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में हुए 92,762 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संग्रह की तुलना में 100.4 प्रतिशत ज्यादा की वृद्धि हुई है। वहीं प्रत्यक्ष करों के शुद्ध संग्रह में 74,356 करोड़ रुपये का कॉरपोरेशन टैक्स और 1,11,043 करोड़ रुपये का प्रतिभूति लेन-देन कर सहित व्यक्तिगत आयकर शामिल हैं।

वित्त वर्ष 2021-22 में प्रत्यक्ष करों का सकल संग्रह 2,16,602 करोड़ रुपये का हुआ है, जो पिछले वषज़् की इसी अवधि में 1,37,825 करोड़ रुपये था। इसमें 96,923 करोड़ रुपये का कॉरपोरेशन टैक्स और 1,19,197 करोड़ रुपये का प्रतिभूति लेन-देन कर सहित व्यक्तिगत आयकर शामिल हैं।

लघु मद वार कर संग्रह में 28,780 करोड़ रुपये का अग्रिम कर, 1,56,824 करोड़ रुपये का टीडीएस, 15,343 करोड़ रुपये का स्व-आकलन कर, 14,079 करोड़ रुपये का नियमित आकलन कर, 1086 करोड़ रुपये का लाभांश वितरण कर, और 491 करोड़ रुपये का अन्य लघु मदों के अंतर्गत कर शामिल हैं।

नए वित्त वर्ष के बेहद चुनौतीपूर्ण शुरुआती महीनों के बावजूद वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में अग्रिम कर संग्रह 28,780 करोड़ रुपये का हुआ है, जो इससे ठीक पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में हुए 11,714 करोड़ रुपये के अग्रिम कर संग्रह की तुलना में लगभग 146 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।

इसमें 18,358 करोड़ रुपये का कॉरपोरेशन टैक्स और 10,422 करोड़ रुपये का व्यक्तिगत आयकर शामिल हैं। बैंकों से अभी और जानकारियां मिलने के बाद यह राशि बढ़ जाने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2021-22 में 30,731 करोड़ रुपये की राशि के रिफंड भी जारी किए गए हैं।