इंश्योरेंस कंपनी के नेटवर्क अस्पताल को कोरोना मरीज का उपचार भी करना होगा कैशलेस: IRDA

Cashless treatment claim will have to be decided within 60 minutes

भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण ने एक सुर्कलर जारी कर सभी इंश्योरेंस कंपनियों से कहा है कि अगर कंपनी ने अपने ग्राहकों को कुछ नेटवर्क अस्पतालों में कैशलेस उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई है तो इन नेटवर्क अस्पतालों को कोरोना संक्रमित मरीज का उपचार भी कैशलेस तरीके से ही करना होगा।

जानकारों के अनुसार इरडा के इस स्पष्टीकरण का अर्थ है कि अगर कोई अस्पताल किसी मरीज को तमाम बीमारियों के कैशलेस उपचार की सुविधा दे रहा है, जो कोरोना संक्रमण के मामले में भी उसे ऐसा ही करना होगा।

इरडा के अनुसार कोरोना संक्रमण के उपचार को भी अन्य बीमारियों की तरह समझना होगा। इरडा के इस निर्णय से उन लोगों को बहुत राहत मिलेगी, जिन्होंने हेल्थ इंश्योरेंस कराया हुआ है और कोरोना संक्रमण का उपचार भी कैशलेस तरीके से अपने हेल्थ इंश्योरेंस के तहत ही करवाना चाहते हैं।

इसके अलावा इरडा ने कहा है कि कैशलेस इलाज के बारे में अनुरोध पत्र आने और अस्पताल से बीमा कंपनी या टीपीए को अंतिम जरूरी सूचना मिलने के दो घंटे के भीतर इस बारे में निर्णय की जानकारी नेटवकज़् अस्पताल को देनी होगी।

इसी तरह का कदम अस्पताल से छुट्टी के दौरान भी उठाना होगा। इरडा ने सभी जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों (ईसीजीसी और एआईसी को छोड़कर) को इस संबंध में जरूरी दिशानिर्देश संबंधित टीपीए को जारी करने को कहा है।