AIRF के दबाव में रेलवे बोर्ड ने वापस लिया नाइट ड्यूटी भत्ते की रिकवरी का आदेश

रेल कर्मचारियों के 1 जुलाई 2017 से रात्रिकालीन ड्यूटी भत्ता वसूलने के आदेश की एआईआरएफ व डबलूसीआरईयू द्वारा किये गये जबर्दस्त विरोध के बाद आज शुक्रवार 6 नवम्बर को रेलवे ने तत्काल प्रभाव से एनडीए की वसूली पर रोक लगा दी है।

हालांकि नाइट ड्यूटी भत्ता नहीं दिये जाने का निर्णय यथावत है, जिसके विरोध में वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज द्वारा जबलपुर मंडल के डीआरएम को नोटिस दिया है कि यदि नाइट भत्ता नहीं तो 1 जनवरी 2021 से रेल कर्मी नाइट ड्यूटी भी नहीं करेंगे।

उल्लेखनीय है कि पश्चिम मध्य रेलवे सहित पूरे देश के हजारों रेलकर्मियों को नाइट अलाउंस के दायरे से बाहर करने एवं बीते सवा तीन साल के दौरान नाइट अलाउंस की रिकवरी के आदेश ने रेल कर्मियों की नाराजगी बढ़ा दी है।

पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा, जबलपुर व भोपाल मंडल में भी रेलवे के इस निर्णय का विरोध शुरू हो गया है। एआईआरएफ के असिस्टेंट जनरल सेक्रेट्री व वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने इस निर्णय को लागू नहीं करने के लिए पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को आज शुक्रवार 6 जून को पत्र लिखा।

जिसके बाद देर शाम को रेलवे ने सभी महाप्रबंधक को पत्र लिखते हुए बकाया नाइट ड्यूटी एलाउंस की वसूली पर रोक लगा दी है।

वहीं डबलूसीआरईयू के जबलपुर मंडल सचिव नवीन लिटोरिया व मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला ने कहा कि एनडीए की पिछले सवा तीन साल की बकाया राशि वसूलने के निर्णय को रेलवे ने फिलहाल रोक दिया है, यह एआईआरएफ व डबलूसीआरईयू के दबाव से आधी विजय ही मिली है। हम पूरी जीत यानी हक लेकर रहेंगे।

डबलूसीआरई ने जबलपुर मंडल के डीआरएम को नोटिस दिया है, जिसमें कहा गया है कि यदि पूर्व की भांति 43,600 रुपए से अधिक वेतन पाने वाले रेल कर्मचारियों को रात्रिकालीन भत्ता नहीं दिया जाता है तो रेल कर्मचारी पूरे मंडल में 1 जनवरी 2021 से रात 22 बजे से सुबह 6 बजे तक के बीच नाइट ड्यूटी नहीं करेंगे। इस दौरान यदि कोई दुर्घटना होती है, तो इसकी व जवाबदारी रेल प्रशासन की होगी।