गणतंत्र दिवस के दिन तिरंगे का अपमान देखकर देश बहुत दुखी हुआ: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी छोटी-छोटी बातें, जो एक-दूसरे को, कुछ, सिखा जाये, जीवन के खट्टे-मीठे अनुभव जो, जी-भर के जीने की प्रेरणा बन जाये- बस यही तो है 'मन की बात'। जब मैं 'मन की बात' करता हूँ तो ऐसा लगता है, जैसे आपके बीच, आपके परिवार के सदस्य के रूप में उपस्थित हूँ।

नये साल के पहले मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले देश के अलग-अलग हिस्सों में त्योहारों की धूम रही। इन सबके बीच दिल्ली में 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देखकर देश बहुत दुखी भी हुआ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी छोटी-छोटी बातें, जो एक-दूसरे को, कुछ, सिखा जाये, जीवन के खट्टे-मीठे अनुभव जो, जी-भर के जीने की प्रेरणा बन जाये- बस यही तो है ‘मन की बात’। जब मैं ‘मन की बात’ करता हूँ तो ऐसा लगता है, जैसे आपके बीच, आपके परिवार के सदस्य के रूप में उपस्थित हूँ।

उन्होंने कहा कि इस महीने, क्रिकेट पिच से भी बहुत अच्छी खबर मिली। हमारी क्रिकेट टीम ने शुरुआती दिक्कतों के बाद, शानदार वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीती। हमारे खिलाडिय़ों का हार्ड वर्क और टीम वर्क प्रेरित करने वाला है।

पीएम मोदी ने कहा कि हमें आने वाले समय को नई आशा और नवीनता से भरना है। हमने पिछले साल असाधारण संयम और साहस का परिचय दिया। इस साल भी हमें कड़ी मेहनत करके अपने संकल्पों को सिद्ध करना है। अपने देश को, और तेज गति से, आगे ले जाना है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा कोविड वैक्सीन प्रोग्राम चला रहा है। इसके साथ ही हम दुनिया में सबसे तेज गति से अपने नागरिकों का वैक्सीनेशन भी कर रहे हैं। हमारा यह प्रोग्राम दुनिया में, एक मिसाल बन रहा है।

उन्होंने कहा कि मेड इन इंडिया वैक्सीन आज, भारत की आत्मनिर्भरता का तो प्रतीक है ही, भारत के, आत्मगौरव का भी प्रतीक है। सिर्फ 15 दिन में, भारत, अपने 30 लाख से ज्यादा, कोरोना वॉरियर का टीकाकरण कर चुका है, जबकि, अमेरिका जैसे समृद्ध देश को, इसी काम में 18 दिन लगे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष से भारत, अपनी आजादी के, 75 वर्ष का समारोह- अमृत महोत्सव शुरू करने जा रहा है। ऐसे में यह हमारे उन महानायकों से जुड़ी स्थानीय जगहों का पता लगाने का बेहतरीन समय है, जिनकी वजह से हमें आजादी मिली।

उन्होंने कहा कि भारत भूमि के हर कोने में ऐसे महान सपूतों और वीरांगनाओं ने जन्म लिया, जिन्होंने, राष्ट्र के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया। ऐसे में, यह, बहुत महत्वपूर्ण है कि उनके बारे में लिख कर हम अपनी भावी पीढिय़ों के लिए उनकी स्मृतियों को जीवित रख सकते हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि अपने इलाके में स्वतंत्रता संग्राम के दौर की वीरता की गाथाओं के बारे में किताबें लिखें। अब, जबकि, भारत अपनी आजादी का 75वां वर्ष मनायेगा, तो आपका लेखन आजादी के नायकों के प्रति उत्तम श्रद्धांजलि होगी।

उन्होंने कहा कि मैं सभी देशवासियों को और खासकर के अपने युवा साथियों को आह्वान करता हूँ कि वे देश के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में, आजादी से जुड़ी घटनाओं के बारे में लिखें। अपने इलाके में स्वतंत्रता संग्राम के दौर की वीरता की गाथाओं के बारे में किताबें लिखें।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें ऐसी उभरती प्रतिभाओं की पूरी मदद करनी है। इससे भविष्य की दिशा निर्धारित करने वाले थॉट लीडर्स का एक वर्ग भी तैयार होगा। देश में बड़ी संख्या में ऐसे विषयों पर लिखने वाले लेखक तैयार होंगे, जिनका भारतीय विरासत और संस्कृति पर गहन अध्ययन होगा।

उन्होंने कहा कि युवा लेखकों के लिए इंडिया-75 के निमित्त एक पहल की शुरुआत की जा रही है। इससे युवा लेखकों को प्रोत्साहन मिलेगा। मैं अपने युवा मित्रों को इस पहल का हिस्सा बनने और अपने साहित्यिक कौशल का अधिक-से-अधिक उपयोग करने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत, जितना सक्षम होगा, उतनी ही अधिक मानवता की सेवा करेगा, उतना ही अधिक लाभ दुनिया को होगा। खेती को आधुनिक बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और अनेक कदम उठा भी रही है। सरकार के प्रयास आगे भी जारी रहेंगे।