मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव के द्वारा अपर मुख्य सचिव ऊर्जा मध्य प्रदेश शासन एवं मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी और मध्य प्रदेश पावर जनरेशन कंपनी के प्रबंधन को पत्र लिखकर मांग की गई है कि कंपनी के कल्याण अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं और एमपी जेनको के सभी पावर प्लांटों में कल्याण अधिकारी के पद रिक्त पड़े हुए हैं।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने कारखाना अधिनियम 1948 की धारा 49 के तहत पावर प्लांटों में पूर्णकालिक कल्याण अधिकारी की स्थायी नियुक्ति किए जाने की मांग करते हुए बताया कि वर्तमान में किसी भी पावर प्लांट में कल्याण अधिकारी की पूर्णकालीन पदस्थापना नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि बिजली कंपनी प्रबंधन ने खानापूर्ति के लिए अधिकारियों को चालू प्रभार दे दिए हैं, लेकिन इससे कर्मचारी कल्याण से संबंधित नियमों एवं प्रावधानों का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है, अर्थात कल्याण अधिकारी के नहीं होने के कारण जहां एक और कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है, वहीं कारखाना अधिनियम की भी अनदेखी हो रही है।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने अपर मुख्य सचिव ऊर्जा से निवेदन करते हुए कहा है कि सीधी भर्ती या मध्य प्रदेश पावर जनरेशन कंपनी में कार्यरत ऐसे कार्मिक, जो उक्त पद की योग्यता रखते हों, उन्हें यदि कल्याण अधिकारी के पद पर नियुक्ति प्रदान की जाती है तो कंपनी में कार्यरत कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण में सरलता होगी एवं इससे कंपनी पर भी किसी प्रकार का अतिरिक्त आर्थिक भार नहीं आएगा।
संघ के केएन लोखंडे, शशि उपाध्याय, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, लखन सिंह राजपूत, दशरथ शर्मा, मदन पटेल, विनोद दास, इंद्रपाल सिंह, संदीप दीपांकर आदि ने अपर मुख्य सचिव ऊर्जा से मांग की है कि जनरेशन कंपनी के सभी पावर प्लांटों में कल्याण अधिकारी के रिक्त पदों को अति शीघ्र भरा जाए, जिससे कर्मचारियों का कल्याण हो सके।