देश में हाइड्रोजन से दौड़ेंगी रेलगाडिय़ां, भारतीय रेलवे ने शुरू की तैयारी

उन्नत रसायन सेल बैटरी और राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन भारत सरकार के दो प्रमुख कार्यक्रम हैं। इसके तहत पेरिस जलवायु समझौते 2015 और 2030 तक मिशन नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन रेलवे के तहत ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लक्ष्यों को पूरा किया जा सकेगा। इसके अनुसार देश में हाइड्रोजन परिवहन की अवधारणा को शुरू करने के लिए हाल ही में बजटीय घोषणा की गई थी।

इसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए, भारतीय रेलवे वैकल्पिक ईंधन संगठन, भारतीय रेलवे के हरित ईंधन वर्टिकल ने रेलवे नेटवर्क पर हाइड्रोजन ईंधन सेल आधारित रेलगाड़ियों के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं। यह परियोजना उत्तर रेलवे के 89 किलोमीटर लम्बे सोनीपत-जींद खंड पर शुरू होगी।

प्रारंभ में 2 डीईएमयू रैक को परिवर्तित किया जाएगा और बाद में 2 हाइब्रिड इंजनों को हाइड्रोजन ईंधन सेल ऊर्जा परिवहन के आधार पर परिवर्तित किया जाएगा। ड्राइविंग कंसोल में कोई बदलाव नहीं होगा। साथ ही इस परियोजना से प्रति वर्ष 2.3 करोड़ रुपये की बचत होगी।