फेसबुक पर लोगों से दोस्ती आम हो गई है। इसी तरह अनुपमा और विजय की मुलाकात भी फेसबुक पर हुई थी। बात करते-करते दोनों में दोस्ती हो गई। एक ही शहर में रहने के कारण दोनों ने मिलने का तय किया।
उनकी मुलाकात ठीक रही। पर अनुपमा को विजय का स्वभाव कुछ अस्वाभाविक लगा, लेकिन उसने कुछ कहा नहीं। दोनों ने ढेर सारी बातें करी। एक-दूसरे की पसंद-नपसंद, परिवार व परम्पराओं को समझा।
मिलने के बाद भी दोनों में बातों का सिलसिला जारी रहा। फिर एक दिन वेलेंटाइन डे पर विजय ने अनुपमा से कह दिया कि उसे अनुपमा से प्यार है। लेकिन अनुपमा इतनी जल्दी निर्णय नहीं लेना चाहती थी इसीलिए उसने विजय से सोचने के लिए कुछ समय मांगा। लेकिन उनकी बातें प्रतिदिन जारी रहीं।
कुछ ही दिन गुजरे थे कि एक दिन अनुपमा ने देखा कि फेसबुक पर विजय के एक दोस्त ने विजय की टाइमलाइन पर एक नवजात शिशु की फ़ोटो डाली थी और लिखा था…. “विजय जी को बेटी होने की बहुत बधाई!” यह देखते ही अनुपमा स्तब्ध रह गई। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या कहे और क्या करे।
इस घटना के बाद कुछ दिनों तक विजय का कोई संदेश नहीं आया। फिर एक दिन जब विजय ने अनुपमा से बात करनी चाही तो अनुपमा ने उसके धोखे के लिए उसे फटकार लगाई। उसके संदेशो की फ़ोटो फेसबुक पर उसके ही प्रोफ़ाइल पर डालकर लिखा दिया कि ये व्यक्ति शादीशुदा होकर भी दूसरी लड़कियों को फँसाता है। इसके बाद अनुपमा ने विजय को ब्लॉक कर दिया। लेकिन अब अनुपमा किसी भी ऑनलाइन मित्र पर भरोसा नहीं करती है।
सोनल ओमर
कानपुर, उत्तर प्रदेश