समीर द्विवेदी नितान्त
कन्नौज, उत्तर प्रदेश
संपर्क- 9794321248
अपने चेहरे पे ताजगी रखिए
ग़म के साये में भी खुशी रखिए
जीत ही जाना प्रेम है ही नहीं
राह-ए-उल्फत में हार भी रखिए
भेद छुपता है कब छुपाने से,
खुद को जो आप हैं वही रखिए
क्या ख़बर कौन कर रहा स्टिंग,
दिल को हर वक्त लाॅक ही रखिए
शाम-ए-गम का घना है अंधियारा
दिल में चाहत की रौशनी रखिए
आप मंजिल के हैं करीब बहुत
सोच उम्मीद से भरी रखिए
शायराना मिज़ाज है दिलकश
अपने लफ़्ज़ों में नाजुकी रखिए