Thursday, January 2, 2025

जो रह गईं अनकही: उषा किरण

उषा किरण
पटना, बिहार

कोरे कागज पर
पहली तहरीर का नक्श
बड़ा गहरा होता है
तभी तो
स्मृति की लहरों में
इच्छाओं का उतरना-डूबना
बार-बार मन को
खँगालता रहता है और
गुजरते वक्त के साथ-साथ
शब्दों का जामा पहन
आहिस्ता-आहिस्ता ये एहसास
करवाता रहता है कि
न जाने कितनी सारी बातें थीं
जो रह गईं अनकही

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