मैं बहुत पसन्द हूँ उसको: रूची शाही

रूची शाही

वो कहता है
उसको मेरी याद आती है
याद आती है तो कहते क्यों हो
मुझे आवाज क्यों नहीं देते

वो कहता है
मुहब्बत बहुत है मुझसे
मुहब्बत है तो दूर क्यों हो
पास आके गले क्यों नहीं लगाते

वो कहता है
मैं बहुत पसन्द हूँ उसको
अगर पसंद हूँ इतनी
तो अपना हक क्यों नहीं जताते

वो कहता है बस
और मैं खुद को तसल्लियां देती रहती हूँ
कि वो कुछ कहता तो है मुझसे