मोह के धागे: नंदिता तनुजा

नंदिता तनुजा

सांसो से बंधे
मोह के धागे
दिल -धड़कन
तुम्हें अपना जाने

दो किनारे
दिल से हारे
ख़ामोश-नज़र
एक-दूजे को पहचाने

सादगी में दिखे
अहसास तुम्हारे
ख्याल-ख्वाहिश
दिल पे हक़ जताने

दिखती मंज़िले
बेसब्र राहे पुकारे
सूफ़ियाना-इश्क़
रब की इबादत माने

दिल की गिरह
कभी उलझे धागे
सुलझ-समझ फिर
साथ वफ़ा निभाने

वक़्त की आन
नसीब को मनाने
बेपनाह-इंतज़ार
हक़ीक़त में लाने

रूह में इश्क
इश्क़ से मिलाने
नंदिता- के तुम
हां रूह में समाने