नयनाभिराम जय श्री राम: सुजाता प्रसाद

सुजाता प्रसाद
स्वतंत्रत रचनाकार
शिक्षिका सनराइज एकेडमी

धरती व्योम में गूंज रहा मंगल गान
सुंदर सजीला पावन अयोध्या धाम
लोक हितकारी हैं सबके राम
नयनाभिराम जय श्री राम, जय श्री राम

रोम रोम में रचे बसे हैं, राम
आन बसे हैं निज ग्राम, श्री राम
प्रतिष्ठित हुआ भारत का स्वाभिमान
नयनाभिराम जय श्री राम, जय श्री राम

अलौकिक युग नायक हैं राम
एकात्मकता के रक्षा सूत्र हैं राम
इष्ट हमारे करुणा निधान
नयनाभिराम जय श्री राम, जय श्री राम

राम गति का प्रतीक हैं
जीवन का मंत्र हैं राम
हर मन में बसे राम चेतना का प्रमाण
नयनाभिराम जय श्री राम, जय श्री राम

जन आस्था के केंद्र बिंदु
दया सिन्धु हैं भगवान
सत्य वचन के लिए न्योछावर प्राण
नयनाभिराम जय श्री राम, जय श्री राम