प्रहरी- सुजाता प्रसाद

देकर आहुति अभिलाषाओं की
प्रहरी बन हरदम डटे रहते हो
देश पर कोई आँच ना आने पाए
सरहद पर दिन रैन तने रहते हो

मातृभूमि पर जान लुटाने वालों
देशभक्ति का जिंदा है जज़्बा तुमसे
जगा जाते हो देशप्रेम का अलख राग
अखंड भारत के सूत्रधार बने रहते हो।

नमन शहीदों तुम हो, तो हम सब हैं
तुम सब सच्चे सपूत से सधे रहते हो
दुश्मन की नज़रें छू ना पाएं तिरंगा
हरपल वीर सजग से जगे रहते हो।

-सुजाता प्रसाद