तुम्हारे सिवा: सुमन सुरभि

सुमन सुरभि

मुझे कभी भी यह गलतफहमी नहीं हुई कि
कोई मुझे खोकर पछतायेगा
पता है क्यों?

क्योंकि लोगों को लोग मिल ही जाते हैं
कभी बदतर से बद्तर
कभी बेहतर से बेहतरीन
पर मुझे तुम्हारे सिवा कभी किसी का
खास बनकर रहने का दिल नहीं होयेगा
जानते हो क्यों?

क्योंकि खास के बाद खाक मिलती है इसलिए
आम रहना अच्छा लगता है