लॉकडाउन एक आपातकालीन व्यवस्था है। लॉकडाउन के तहत सभी देशवासियों को अपने-अपने घरों में सुरक्षित रहने की सलाह दी गई है और यह हमारी भारत सरकार की ओर से सकारात्मक प्रयास है जिसका हम सभी को सम्मान के साथ पालन करना चाहिए। यह इसलिए भी ज़रूरी है, क्योंकि कोविड-19 नामक महामारी मानव जीवन के इतिहास में क्रांति लेकर आई है जिससे देश का जन-जन प्रभावित है। समूचा विश्व भी इससे अछूता नहीं है।
सम्पूर्ण देश जहाँ एक ओर वायरस से लड़ने के लिए घरों में कैद है वहीं हमारे कोरोना वारियर्स अपने घर बार को छोड़कर देश सेवा में समर्पित हैं। इस महामारी के प्रकोप से विश्व में लाखों और अपने देश भारत में हज़ारों की तादाद में लोग जान गँवा चुके हैं।
ऐसी विपदा के समय में बचने का सिर्फ एक ही रास्ता है और वो है सोशल डिस्टेंसिंग अर्थात सामाजिक दायरा बनाकर रखना। यह कोरोना नामक संक्रमण एक से दूसरे इंसान में बहुत तीव्रता से फैलता है, जिसके कारण भारत सरकार ने लॉकडाउन को महत्ता दी है।
लॉकडाउन से हमारे जीवन में फायदे भी देखने को मिल रहे हैं। पहले लोग रोज़मर्रा की ज़िंदगी में उलझे रहते थे अपने बच्चों अपने माता पिताओं को वक़्त नहीं दे पाते थे। आज लॉकडाउन की वजह से सभी अपने बच्चों अपने बड़ों को भरपूर वक़्त दे पा रहे हैं।
लॉकडाउन के दौरान लोगों को अपनी भूली बिसरी यादों को फिर से सहेजने का, आपसी मनमुटाव को खत्म कर रिश्तों में मिठास लाने का मौका मिला है। लॉकडाउन के समय में बच्चों को भी अपने मातपिता के संग हँसकर खेलने और समय को सुखद अनुभव के साथ जीने का अवसर मिला है।
वहीं जो लोग खाने बनाने का शौक रखते हैं, वो अपने-अपने घरों में नए-नए तरह के व्यंजन बना कर घर वालों के साथ भरपूर लुत्फ़ उठा रहे हैं।
वहीं जो पुराना दौर था सीरियलों का (जैसे- शक्तिमान, सर्कस, बुनियाद, रामायण, महाभारत) फ़िर से वापस आया है, जिसका आनन्द लोग अपने घर-परिवार के साथ बैठकर ले रहे हैं। इस लॉकडाउन में बच्चे वीडियो गेम्स, लूडो, कैरम और शतरंज का भरपूर आनन्द ले रहे हैं। लॉकडाउन के समय दौरान लोग अपने शौक़ को भी पूरा कर रहे हैं। इस समय लोगों को अपनी खुद की दबी हुईं इच्छाओं को पूरा करने का खूब समय मिल रहा है।
जिनको कविता, गीत, शेर-ओ-शायरी या कहानी लिखने का शौक है वो फ्री राइटिंग करके अपने समय का सदुपयोग कर रहे हैं। जिनको म्यूजिक सुनने का शौक़ है वो भरपूर म्यूजिक सुन रहे हैं जिनको गाने बजाने का शौक़ है वो गा बजाकर अपना समय बिता रहे हैं। जिनको डांसिंग का शौक है वो ऑनलाइन डांस सीख रहे हैं।
इस लॉकडाउन के समय में शिक्षक भी अपनी जिम्मेदारी निष्ठा भाव से निभा रहे हैं। इस लॉकडाउन के चलते शिक्षा से बच्चे वंचित न रहें, शिक्षक इसके लिए ऑनलाइन शिक्षण कर रहे हैं और बच्चों को धैर्य और संयम का संदेश भी दे रहे हैं।
लॉकडाउन के दौरान प्रदूषण में भी कमी हुई है जो एक सुखद परिणाम है लॉकडाउन का। नदियों का जल फिर से एकबार स्वच्छ होने लगा है। पक्षी स्वतंत्र प्रकृति का सुख भोगते नज़र आ रहे हैं।
-अतुल पाठक
जनपद हाथरस, उत्तर प्रदेश
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